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Farmers Protest: पंजाब के शंभू बॉर्डर से किसानों की 'दिल्ली चलो' मार्च की हुंकार, दिल्ली सीमा पर ट्रैफिक बेहाल

Farmers Protest: पंजाब के शंभू बॉर्डर से किसानों की 'दिल्ली चलो' मार्च की हुंकार, दिल्ली सीमा पर ट्रैफिक बेहाल

आज 13 फरवरी को किसानों ने दिल्ली के लिए कूच करना शुरू कर दिया है. किसानों ने पंजाब के फतेहगढ़ साहिब से अपना 'दिल्ली चलो' मार्च शुरू किया. पंजाब से किसानों को लेकर करीब एक दर्जन ट्रैक्टर शंभू बॉर्डर पर पहुंचे हैं. पंजाब पुलिस की ओर से कोई प्रतिरोध नहीं किया गया. राशन समेत जरूरी सामान के साथ आ रहे किसानों ने कहा कि इस बार मांग मनवा कर ही लौटेंगे. वहीं, सुबह से दिल्ली के सिंघू बॉर्डर पर ट्रैफिक बेहाल है.

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12 फरवरी की शाम को सरकार और किसान नेताओं के साथ कई घंटे की चली बैठक बेनतीजा रही. 12 फरवरी की शाम को सरकार और किसान नेताओं के साथ कई घंटे की चली बैठक बेनतीजा रही.

फसलों के लिए एमएसपी की कानूनी गारंटी सहित उनकी मांगों पर दो केंद्रीय मंत्रियों के साथ बैठक बेनतीजा रहने के बाद, पंजाब के किसानों ने अपनी मांगों पर दबाव बनाने के लिए 13 फरवरी मंगलवार सुबह अपना 'दिल्ली चलो' मार्च शुरू कर दिया है. किसानों की योजना अंबाला-शंभू, खनौरी-जींद और डबवाली बॉर्डर से दिल्ली जाने की है. पंजाब से किसानों को लेकर करीब एक दर्जन ट्रैक्टर शंभू बॉर्डर पर पहुंचे हैं. इधर, दिल्ली के सिंघू बॉर्डर पर आज किसानों के 'दिल्ली चलो' मार्च से यातायात बाधित हो गया है.  किसानों ने कहा कि इस बार किसान मांग मनवा कर ही लौटेंगे. किसान यूनियनों के झंडे लगे ट्रैक्टर ट्रॉलियों पर किसानों ने सूखा राशन, गद्दे और बर्तन सहित आवश्यक सामान को रख लिया और दिल्ली की ओर बढ़ रहे हैं. 

पंजाब से दिल्ली के लिए किसान रवाना 

आज 13 फरवरी को किसानों ने दिल्ली के लिए कूच करना शुरू कर दिया है. किसानों ने पंजाब के फतेहगढ़ साहिब से अपना 'दिल्ली चलो' मार्च शुरू किया.पंजाब से किसानों को लेकर करीब एक दर्जन ट्रैक्टर शंभू बॉर्डर पर पहुंचे हैं. पंजाब पुलिस की ओर से कोई प्रतिरोध नहीं किया गया. हालांकि, पुलिस ने सीमा सील कर दी है, जिसके चलते किसान हरियाणा में प्रवेश नहीं कर पा रहे हैं.

दिल्ली के सिंघू बॉर्डर पर जाम, सीआरपीएफ तैनात

दिल्ली के सिंघू बॉर्डर पर आज किसानों के 'दिल्ली चलो' मार्च से यातायात बाधित हो गया है. दिल्ली में सीमा बिंदुओं पर मल्टी-लेयर बैरिकेड्स, कंक्रीट ब्लॉक, लोहे की कीलें और कंटेनरों की दीवारों के साथ सुरक्षा बढ़ा दी गई है. किसानों के विरोध मार्च के मद्देनजर ITO चौराहे पर दिल्ली पुलिस के जवान और बैरिकेड तैनात किए गए, CRPF की धारा 144 लागू की गई है.

अमृतसर से युवा किसान ट्रैक्टर-ट्राली में सवार होकर दिल्ली आ रहे  

गैर राजनीतिक संयुक्त किसान मोर्चा और विभिन्न किसान संगठनों ने दिल्ली कूच का ऐलान किया है, जिसके चलते बड़ी संख्या में किसान ट्रैक्टर ट्रॉलियों पर सवार होकर दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं. इसके लिए प्रशासन ने सड़कों पर जाम लगा दिया है. बड़े-बड़े बैरिकेड्स लगाए गए हैं. अमृतसर में जहां किसान युवा संघर्ष कमेटी ट्रैक्टर ट्रॉलियों का काफिला लेकर गई हैं, वहीं पत्रकारों से बातचीत के दौरान किसान एक जेसीबी भी ले जा रहे हैं. बड़े-बड़े बैरेज लगाए गए हैं, ताकि उन सड़कों को खाली किया जा सके और बैरेजों को हटाया जा सके. कई अन्य किसान संगठन भी अपने साथ जेसीबी जैसी बड़ी मशीनें ला रहे हैं ताकि शंभू सीमा पर बड़े-बड़े अवरोधों को हटाया जा सके. किसानों ने कहा कि इस बार किसान मांग मनवा कर ही लौटेंगे. किसानों की मांग है कि सभी बिलों को रद्द कर उनकी मांगों को पूरा किया जाए. अगर केंद्र सरकार किसानों के साथ टकराव की स्थिति पैदा नहीं करना चाहती है तो उन्हें आज ही किसानों की मांगों को मान लेना चाहिए.

अंबाला-शंभू, खनौरी-जींद और डबवाली बॉर्डर से दिल्ली जाएंगे किसान

फसलों के लिए एमएसपी की कानूनी गारंटी सहित उनकी मांगों को लेकर इससे पहले 12 फरवरी की शाम को केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा, पीयूष गोयल की किसान नेताओं के साथ कई घंटे की चली बैठक बनतीजा रही थी. जिसके बाद किसानों ने दिल्ली चलो मार्च जारी करने का आह्वान किया है. किसानों की योजना अंबाला-शंभू, खनौरी-जींद और डबवाली बॉर्डर से दिल्ली जाने की है. कई किसानों ने अपने ट्रैक्टर ट्रॉलियों के साथ सुबह करीब 10 बजे फतेहगढ़ साहिब से मार्च शुरू किया और शंभू सीमा के रास्ते दिल्ली की ओर बढ़ रहे हैं। एक अन्य समूह संगरूर के मेहल कलां से खनौरी सीमा के माध्यम से राष्ट्रीय राजधानी की ओर बढ़ रहा है.पंजाब और हरियाणा सीमा पर कई स्थानों पर वाटर कैनन सहित दंगा नियंत्रण वाहन भी तैनात किए गए हैं.

किसान सूखा राशन, गद्दे और बर्तन के साथ दिल्ली आ रहे

फार्मर यूनियनों के झंडे लगे ट्रैक्टर ट्रॉलियों पर किसानों ने सूखा राशन, गद्दे और बर्तन सहित आवश्यक सामान पैक किया. ट्रैक्टर ट्रॉलियों के काफिले में एक उत्खननकर्ता भी शामिल था, अमृतसर में एक किसान ने कहा कि इसका इस्तेमाल बैरिकेड तोड़ने के लिए किया जाएगा. 

हरियाणा के 15 जिलों में धारा 144 लागू 

हरियाणा में अधिकारियों ने प्रस्तावित मार्च को विफल करने के लिए कंक्रीट ब्लॉकों, लोहे की कीलों और कंटीले तारों का उपयोग करके अंबाला, जिंद, फतेहाबाद, कुरूक्षेत्र और सिरसा में कई स्थानों पर पंजाब के साथ राज्य की सीमाओं को मजबूत कर दिया है. हरियाणा सरकार ने भी 15 जिलों में आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 के तहत प्रतिबंध लगा दिया है, जिसमें पांच या अधिक लोगों के इकट्ठा होने और ट्रैक्टर ट्रॉलियों के साथ किसी भी प्रकार के प्रदर्शन या मार्च पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.

किसान नेता बोले- हम कोई बैरिकेड नहीं तोड़ना नहीं चाहते

संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने घोषणा की थी कि किसान फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी के लिए कानून बनाने सहित अपनी मांगों को स्वीकार करने के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के लिए मंगलवार को दिल्ली जाएंगे. किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव सरवन सिंह पंढेर ने अपनी मांगों को लेकर केंद्र के साथ गतिरोध का जिक्र करते हुए कहा कि वे अपनी मांगों के संबंध में एक नई समिति नहीं चाहते हैं, किसी भी समिति का मतलब इस मुद्दे को ठंडे बस्ते में डालना होगा. पंधेर ने फतेहगढ़ साहिब जिले में पत्रकारों से बात करते हुए कहा, "हम कोई बैरिकेड तोड़ना नहीं चाहते हैं. हम बातचीत के जरिए अपने मुद्दों का समाधान चाहते हैं. लेकिन अगर वे (केंद्र) कुछ नहीं करते हैं तो हम क्या करेंगे? यह हमारी मजबूरी है. उन्होंने दावा किया कि हरियाणा में किसानों का उन्हें अपार समर्थन मिल रहा है.

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