कांग्रेस के दिग्गज नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर अपने शुरुआती दिनों को याद करते हुए अपने जीवन के आखिरी चुनाव की बात कही है. उन्होंने अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद सेठ कस्तूरचंद जी कठारी की जीवन के प्रति बताई सीख को याद किया. उन्होंने अपनी पोस्ट में कांग्रेस पार्टी, पार्टी के शीर्ष नेता जयराम रमेश, राहुल गांधी आदि को टैग भी किाय है. दिग्विजय सिंह के राजनीतिक सन्यास को लेकर आई इस पोस्ट से कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व में हड़कंप मचा हुआ है.
कांग्रेस के शीर्ष नेताओं में शुमार दिग्विजय सिंह कई बार लोकसभा सदस्य रह चुके हैं और वह 1993-98 में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रहे हैं. इसके साथ ही वह कांग्रेस के पार्टी महासचिव समेत कई अहम पदों पर रह चुके हैं. वर्तमान में वह राज्यसभा के सदस्य हैं और मध्य प्रदेश की राघवगढ़ लोकसभा सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी हैं. उन्हें मध्य प्रदेश में कांग्रेस की रीढ़ माना जाता है. अपने चुनाव प्रचार के दौरान वह जनता से भी कई बार इस चुनाव को अपने करियर का आखिरी चुनाव बता चुके हैं. लेकिन, रविवार 5 मई की सुबह उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट करते हुए राजनीतिक सन्यास की बात फिर से दोहराई है. उन्होंने कांग्रेस के कई शीर्ष नेताओं को भी अपनी पोस्ट में टैग किया है.
दिग्विजय सिंह ने अपनी एक्स पोस्ट में लिखा - मैं जब मेरे पिता जी के देहांत के बाद इंजीनियरिंग की डिग्री ले कर राघोगढ़ आ कर रहने लगा, तब मुझे राघोगढ़ के बुजुर्ग नगर सेठ श्री कस्तूरचंद जी कठारी मिलने आए. तब उन्होंने मुझे एक सीख दी. वह यह थी. उन्होंने कहा “राजा साहब हर व्यक्ति के जीवन का लक्ष्य हिंदी की १२ खड़ी के अनुसार होता है. ‘क’ से कमाओ- इतना कमाओ कि आपके परिवार को कमा कर ‘ख’ से खिला सके. ‘ग’ से गहना - जो बचत हो उससे गहना बनाओ. ‘घ’ से घर - गहना ख़रीद कर बचत से घर बनाओ. ‘ङ’ से नाम- घर बनाने के बाद अगर बचत हो तो नाम कमाओ.
कांग्रेस नेत दिग्विजय सिंह ने बताया कि सेठ कस्तूरचंद जी कठारी ने कहा आप भाग्यशाली हो आपको खाने की कमी नहीं गहनों की कमी घर की कमी नहीं बस अब ‘आप नाम कमाओ’. मैंने अपने ५० वर्षों के राजनैतिक जीवन में बस यही करने का प्रयास किया है. उसमें मैं कितना सफल हुआ इसका आकलन मैं स्वयं नहीं कर सकता केवल आम लोग ही कर सकते हैं। यह मेरे जीवन का आखिरी चुनाव है और आप यह तय करेंगे कि मैं इसमें कितना सफल हुआ. धन्यवाद दिग्विजय.
मैं जब मेरे पिता जी के देहांत के बाद इंजीनियरिंग की डिग्री ले कर राघोगढ़ आ कर रहने लगा, तब मुझे राघोगढ़ के बुजुर्ग नगर सेठ श्री कस्तूरचंद जी कठारी मिलने आए। तब उन्होंने मुझे एक सीख दी। वह यह थी। उन्होंने कहा “राजा साहब हर व्यक्ति के जीवन का लक्ष्य हिंदी की १२ खड़ी के अनुसार होता…
— Digvijaya Singh (@digvijaya_28) May 5, 2024
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