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यहां तो पराली जलाने पर भी शुरू हो गई राजनीति, बदनाम हो गई MSP 

यहां तो पराली जलाने पर भी शुरू हो गई राजनीति, बदनाम हो गई MSP 

कांग्रेस ने केंद्र सरकार के उस फैसले का विरोध किया है जिसके तहत उन किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) फायदा नहीं देने का फैसला किया है जो पराली जलाना जारी रखेंगे. ये किसान पंजाब और हरियाणा राज्‍य के हैं. एक जानकारी के मुताबिक केंद्र सरकार ने साल 2023 में सुप्रीम कोर्ट की सिफारिश का हवाला देते हुए इस साल खेतों में पराली जलाने वाले किसानों को बाहर करने की दिशा में कदम उठाने शुरू कर दिए हैं.

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पराली जलाने पर शुरू हो गई राजनीति पराली जलाने पर शुरू हो गई राजनीति

कांग्रेस ने केंद्र सरकार के उस फैसले का विरोध किया है जिसके तहत उन किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) फायदा नहीं देने का फैसला किया है जो पराली जलाना जारी रखेंगे. ये किसान पंजाब और हरियाणा राज्‍य के हैं. एक मीडिया रिपोर्ट में केंद्र सरकार की योजना के बारे में बताया गया था. इस मीडिया रिपोर्ट के आधार पर ही कांग्रेस ने कहा है कि दिल्‍ली में प्रदूषण के कई कारण जिम्‍मेदार हैं लेकिन उन पर ध्‍यान देने की जगह सरकार किसानों को परेशान करने की योजना बना रही है. 

क्‍या कहा कांग्रेस ने 

अंग्रेजी अखबार इकोनॉमिक टाइम्‍स ने पिछले दिनों पराली से जुड़ी जानकारी को जगह दी थी. कांग्रेस के नेता जयराम रमेश ने कहा है, 'अब मोदी सरकार ने ऐलान किया है कि किसान, खासतौर पर पंजाब और हरियाणा के, अगर वो पराली जलाएंगे तो उन्‍हें एमएसपी नहीं मिलेगी. देश की राजधानी दिल्‍ली में प्रदूषण के लिए बहुत सी वजहें जिम्‍मेदार हैं. ऐसे में उन वजहों पर गौर करने की जगह मोदी सरकार पंजाब और हरियाणा के किसानों पर अत्‍याचार करने जा रही है, जो चौंकाने वाला है. ये किसान किसान विरोधी नरेंद्र मोदी को सही जवाब देंगे.'

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याद दिलाया 'चुनावी' वादा 

जयराम रमेश ने पीएम मोदी पर आरोप लगाया कि उन्‍होंने अपने 'पूंजीपति' दोस्‍तों का 16 लाख करोड़ का बैंक लोन माफ करने के लिए चिट्ठी लिखी है. जबकि वह  किसानों के कर्ज के बोझ की तरफ से पूरी तरह से असंवेदनशील हैं. इसके बाद जयराम रमेश ने ध्‍यान दिलाया कि कांग्रेस के घोषणा पत्र में पहले से ही किसानों को डेढ़ गुना ज्‍यादा एमएसपी देने वाले कानून को संसद में मंजूरी दिलाने का वादा किया गया है. यह मामला ऐसे समय में गर्माया है जब देश में चुनाव और किसान आंदोलन जारी है. 

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क्‍या है केंद्र सरकार का इरादा 

इकोनॉमिक टाइम्‍स की तरफ से एक रिपोर्ट में लिखा था कि केंद्र सरकार ने साल 2023 में सुप्रीम कोर्ट की सिफारिश का हवाला देते हुए इस साल खेतों में पराली जलाने वाले किसानों को बाहर करने की दिशा में कदम उठाने शुरू कर दिए हैं. अखबार ने बताया था कि केंद्र सरकार की तरफ से पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान की सरकारों को ऐसा करने के लिए एक सिस्‍टम तैयार करने का आदेश दिया गया था. साथ ही राज्य के मुख्य सचिवों को पहले ही इससे जुड़ी चिट्ठी भेजी जा चुकी है और कार्रवाई रिपोर्ट भी मांगी गई है. पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ जुर्माना और दंडात्मक कार्रवाई के मसले को राजनीतिक रूप से पेचीदा करार दिया जा रहा है.