Farmers Protest: व‍िधानसभा चुनाव में बीजेपी को सत्ता से 'बेदखल' करने की तैयारी में जुटे क‍िसान, ये रहा पूरा प्लान

Farmers Protest: व‍िधानसभा चुनाव में बीजेपी को सत्ता से 'बेदखल' करने की तैयारी में जुटे क‍िसान, ये रहा पूरा प्लान

ऐसा लगता है क‍ि लोकसभा चुनाव में मुंह की खाने के बावजूद हर‍ियाणा सरकार ने कोई सबक नहीं ल‍िया है. वरना क‍िसान आंदोलन को दबाने वाले पुलिस अधिकारियों के नाम वीरता पुरस्कार के ल‍िए केंद्र को भेजकर आग में घी डालने का काम नहीं क‍िया जाता. सरकार के इस रवैये से क‍िसानों में नाराजगी और बढ़ गई है. 

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Farmers Protest: व‍िधानसभा चुनाव में बीजेपी को सत्ता से 'बेदखल' करने की तैयारी में जुटे क‍िसान, ये रहा पूरा प्लानव‍िधानसभा चुनाव में बीजेपी की परेशानी बढ़ाएंगे क‍िसान.

लोकसभा चुनाव के दौरान हर‍ियाणा में बीजेपी को 50 फीसदी सीटों का नुकसान पहुंचाने के बाद क‍िसानों के हौसले बुलंद हैं, जबक‍ि सरकार अभी इस मुद्दे पर सबक लेती हुई नहीं द‍िखाई दे रही है. आंदोलन चल रहा है, लेक‍िन सरकार समाधान के ल‍िए बातचीत करने की बजाय मौन है. ऐसे में अब आंदोलनकारी क‍िसानों ने व‍िधानसभा चुनाव में बीजेपी को बची हुई स‍ियासी जमीन से भी 'बेदखल' करने के ल‍िए प्लान बना ल‍िया है. अपनी मांगों को लेकर साढ़े पांच माह से अध‍िक वक्त से आंदोलन कर रहे क‍िसानों के सबसे ज्यादा न‍िशाने पर हर‍ियाणा सरकार है, क्योंक‍ि इसी ने उन्हें द‍िल्ली जाने से रोका, उन पर आंसू गैस के अनग‍िनत गोले छोड़े और आंदोलनकार‍ियों का नुकसान क‍िया. 

ऐसे में केंद्र और हर‍ियाणा सरकार से खुन्नस खाए क‍िसानों ने अब अपने ऊपर हुए जुल्म का सूद सह‍ित बदला लेने का फैसला कर ल‍िया है. बीजेपी की अगुवाई वाली हर‍ियाणा सरकार के ख‍िलाफ क‍िसान नेता गांव-गांव जाकर लोगों को जानकारी देंगे और प्रत्याश‍ियों से सवाल पूछने की अपील करेंगे. हालांक‍ि, बताया जा रहा है क‍ि बीजेपी व‍िधानसभा चुनाव में जाट-गैर जाट वाले राजनीत‍िक फार्मूले पर काम कर रही है. ज‍िस पर उसे बहुत भरोसा है. इसील‍िए मनोहरलाल खट्टर को हटाने के बाद नायब स‍िंह सैनी के तौर पर गैर जाट सीएम बनाया गया. यही नहीं मोहनलाल बड़ौली को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर ब्राह्मणों को साधने की कोश‍िश की गई है.

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कब होंगे व‍िधानसभा चुनाव 

हर‍ियाणा में विधानसभा की 90 सीटें हैं. बीजेपी यहां न‍िर्दलीय व‍िधायकों की बैसाखी के साथ सरकार चला रही है, क्योंक‍ि उसे बहुमत से कम सीटें म‍िली थीं. इस साल अक्टूबर में यहां चुनाव होंगे, क्योंक‍ि नवंबर के पहले सप्ताह में ही व‍िधानसभा का कार्यकाल समाप्त होने वाला है. इस चुनाव में ग्रामीण क्षेत्र की सीटों पर क‍िसान बहुत बड़ा मुद्दा बनने वाले हैं, जबक‍ि शहरी क्षेत्रों में व‍िकास कार्यों के नाम पर लूट, प्रॉपर्टी आईडी बनवाने में भ्रष्टाचार और फैम‍िली आईडी को लेकर हो रही परेशानी बड़े मुद्दे हैं. साथ ही क‍िसान आंदोलन का दमन करने वाले पुल‍िसकर्म‍ियों को वीरता पुरस्कार के ल‍िए नाम‍ित करने के राज्य सरकार के फैसले ने आग में घी डालने का काम कर द‍िया है. 

क्या है क‍िसानों का प्लान 

  • हर‍ियाणा के सभी ज‍िलों में 2 अगस्त से सम्मेलन. सप्ताह में एक ज‍िले में एक क‍िसान सम्मेलन होगा. 
  • जींद ज‍िले के ऊंचाना में 15 स‍ितंबर को राष्ट्रीय स्तर की क‍िसान रैली होगी.   
  • जीटी रोड बेल्ट के ल‍िए 22 स‍ितंबर को पीपली, कुरुक्षेत्र में क‍िसान रैली होगी. 
  • लोकसभा चुनाव की तरह गांव-गांव में क‍िसानों का संपर्क चलेगा. 
  • क‍िसान नेता गांवों में जाकर जनता को बीजेपी और जेजेपी नेताओं से पूछे जाने वाले सवाल बताएंगे. 

सूद सह‍ित ल‍िया जाएगा बदला 

संयुक्त क‍िसान मोर्चा-अराजनैत‍िक और क‍िसान मजदूर मोर्चा के नेतृत्व में प‍िछले 167 द‍िन से पंजाब-हर‍ियाणा के शंभू बॉर्डर और खनौरी बॉर्डर पर फसलों के दाम की गारंटी और अन्य मुद्दों को लेकर आंदोलन जारी है. इस आंदोलन से जुड़े क‍िसान नेता अभ‍िमन्यु कोहाड़ ने कहा क‍ि ज‍िन पार्ट‍ियों ने क‍िसानों का नुकसान क‍िया है, उनके रास्ते में कील कांटे लगाए हैं उन्हें व‍िधानसभा चुनाव में भी स‍ियासी नुकसान झेलने के ल‍िए तैयार रहना चाह‍िए. क‍िसान आंदोलन की वजह से ही लोकसभा की 10 में से पांच सीटें गंवाने के बावजूद बीजेपी ने सबक नहीं ल‍िया है, इसील‍िए क‍िसानों का दमन करने वाले पुल‍िसकर्म‍ियों को सम्मान‍ित करने का प्रस्ताव भेजा है.  

बड़ा मुद्दा होगा वीरता पुरस्कार  

बताया गया है क‍ि हर‍ियाणा सरकार ने क‍िसान आंदोलन को दबाने वाले पुलिस अधिकारियों के नाम वीरता पुरस्कार के ल‍िए केंद्र को भेजे हैं. जिनमें से तीन आईपीएस और तीन हरियाणा पुलिस सेवा से हैं. संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) इसका व‍िरोध कर रहा है. अब हर‍ियाणा सरकार के इस फैसले के ख‍िलाफ पंजाब विधानसभा के स्पीकर कुलतार सिंह संधवां ने भी मोर्चा खोल द‍िया है. प्रधानमंत्री को एक पत्र ल‍िखकर उन्होंने वीरता पुरस्कार के ल‍िए हर‍ियाणा सरकार द्वारा भेजे गए पुल‍िसकर्म‍ियों के नामों पर दोबारा विचार करने का आग्रह क‍िया है.   

मैदान छोड़ रहे नेता

हर‍ियाणा में क‍िसान आंदोलन के असर और बढ़ते भ्रष्टाचार की वजह से बीजेपी के ख‍िलाफ माहौल बनता द‍िखाई दे रहा है. ऐसे में अब बड़े नेता भी चुनाव लड़ने से इंकार करते नजर आ रहे हैं. एक तरह से मैदान छोड़ रहे हैं. पूर्व सीएम मनोहरलाल खट्टर के खासमखास माने जाने वाले पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर ने चुनाव लड़ने से इंकार क‍िया है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बीरेंद्र सिंह ने भी कहा है क‍ि वो इस बार व‍िधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे. 

बहरहाल, अभी तक सरकार आंदोलनकारी क‍िसानों से बातचीत नहीं कर रही है. ऐसे में व‍िधानसभा चुनाव के दौरान टकराव बढ़ने के आसार हैं. देखना यह है क‍ि आंदोलनकारी क‍िसान लोकसभा चुनाव की तरह व‍िधानसभा चुनाव में भी बीजेपी और जेजेपी को नुकसान कर पाते हैं या फ‍िर नहीं.  

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