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सुपर एक्‍शन मोड में कृषि मंत्री शिवराज सिंह, तीसरे दिन भी जारी रहा मीटिंग का सिलसिला, अधिकारियों से लिया योजनाओं का जायजा 

सुपर एक्‍शन मोड में कृषि मंत्री शिवराज सिंह, तीसरे दिन भी जारी रहा मीटिंग का सिलसिला, अधिकारियों से लिया योजनाओं का जायजा 

केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार 11 जून को मंत्रालय का पदभार संभाला था. उसके बाद से ही वह वरिष्ठ अधिकारियों के साथ अपनी बैठकों का सिलसिला जारी रखे हुए हैं. गुरुवार को भी उन्‍होंने कई योजनाओं की समीक्षा की. कृषि मंत्री ने योजनाओं के लिए विभागीय कार्य योजना के सभी पहलुओं को समझते हुए स्वयं सहायता समूहों को सशक्त करने के लिए मजबूत कदम उठाने के निर्देश दिए हैं.

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लगातार अधिकारियों के साथ मीटिंग कर रहे हैं शिवराज लगातार अधिकारियों के साथ मीटिंग कर रहे हैं शिवराज

केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार 11 जून को मंत्रालय का पदभार संभाला था. उसके बाद से ही वह वरिष्ठ अधिकारियों के साथ अपनी बैठकों का सिलसिला जारी रखे हुए हैं. गुरुवार को भी उन्‍होंने कई योजनाओं की समीक्षा की. कृषि मंत्री ने योजनाओं के लिए विभागीय कार्य योजना के सभी पहलुओं को समझते हुए स्वयं सहायता समूहों को सशक्त करने के लिए मजबूत कदम उठाने के निर्देश दिए हैं. मीटिंग में कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लखपति दीदी से लेकर प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना समेत कई अहम पहलुओं पर चर्चा की. 

लखपति दीदी को बढ़ावा देना 

शिवराज ने कहा कि तीन करोड़ लखपति दीदी का लक्ष्य उनके लिए एक सपने की तरह है. उन्‍होंने सभी अधिकारियों से तीन साल की समय सीमा से पहले लक्ष्य हासिल करने के लिए काम करने की अपील भी की. चौहान ने कहा कि वह जल्द ही लखपति दीदी पहल को बढ़ावा देने के लिए राज्यों के ग्रामीण विकास मंत्रियों की साथ एक बैठक करेंगे. अगर कोई मुद्दा हैं तो उसे हल करने के लिए मुख्यमंत्रियों के साथ चर्चा भी करेंगे. चौहान ने दीनदयाल अन्त्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डी. ए. वाई.-एन. आर. एल. एम.) के तहत किए गए प्रयासों की सराहना की. 

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साथ ही महिला वॉलेंटियर्स समूहों (एस. एच. जी.) की तरफ से बनाए गए उत्पादों की बिक्री के लिए ब्रांडिंग और विपणन प्रयासों को मजबूत करने की जरूरत पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि कभी 'बैंकों की पहुंच से वंचित' मानी जाने वाली ये महिलाएं 'भविष्य की लखपति दीदी' हैं. ये स्वयं सहायता समूह ग्रामीण ऋण की कई दशकों से चली आ रही समस्या को हल करने के लिए अच्छी तरह से तैयार हैं. उनका कहना था कि ये महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास का एक सच्चा उदाहरण है. 

हर गांव, बस्‍ती जुड़े सड़क  से 

उन्‍हें इस दौरान जानकारी दी गई कि वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान बैंकों ने 56 लाख से अधिक महिला एसएचजी को 2,06,636 करोड़ रुपये के कर्ज दिया था. कर्ज से जुड़ी एसएचजी की वार्षिक संख्या में पांच गुना इजाफा हुआ है. साथ ही पिछले दस सालों के दौरान वार्षिक ऋण वितरण में करीब दस गुना वृद्धि हुई है.  प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) की समीक्षा करते हुए कृषि मंत्री चौहान ने कहा कि यह योजना ग्रामीण भारत की तस्वीर बदलने में सहायक रही है. इसे विकसित भारत के लक्ष्‍य को आसान बनाने के लिए आगे बढ़ाने की जरूरत है. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि शत-प्रतिशत ग्रामीण बस्तियों को हर मौसम में प्रयोग उपयोग में आने वाली सड़क से जोड़ने की दिशा में प्रयास किए जाने चाहिए. 

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बेहतर हों गांव की सड़कें 

शिवराज सिंह चौहान ने ग्रामीण सड़कों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए किए गए नए उपायों की सराहना की. साथ ही उन्‍होंने इच्छा जताई कि इन्हें सभी स्तरों पर बढ़ाया जाए. चौहान ने ग्रामीण सड़क रखरखाव में सुधार के लिए राज्यों के साथ और ज्‍यादा तालमेल की अपील की. उन्होंने इस कार्यक्रम में जन प्रतिनिधियों की साझेदारी को मजबूत करने के लिए आगे के उपाय करने का भी निर्देश दिया. मीटिंग में उनके साथ ग्रामीण विकास राज्य मंत्री कमलेश पासवान, सचिव, शैलेश कुमार सिंह और बाकी वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे. 

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लक्ष्‍यों पर रहे सारा ध्‍यान 

शिवराज सिंह चौहान ने इसके साथ ही कृषि अनुसंधान और शिक्षा विभाग तथा कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ विस्तार से चर्चा की. 113 रिसर्च इंस्‍टीट्यूट के बारे में केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'हमें यह आकलन करना चाहिए कि यह काम महत्वपूर्ण है और हमारे पास एक नेटवर्क होना चाहिए. क्या हमारा नेटवर्क अपेक्षित परिणाम दे पाया है, क्या यह ठीक से काम कर रहा है या नहीं, जिस मकसद के लिए इसे बनाया गया था. अगर इसमें कोई कमी है तो उसकी विस्तृत रिपोर्ट पेश की जाए.

उनका कहना था कि जब तक लक्ष्‍य हासिल करने में सफल नहीं होंगे तब तक 2047 तक अपने तय किए गए लक्ष्यों को पूरा नहीं कर पाएंगे. कृषि मंत्री के अनुसार अगर 2047 के लिए लक्ष्य तय किए गए हैं तो यह भी तय करना चाहिए कि 2026 के लिए क्‍या लक्ष्य है और 2026 में कितने पूरे हुए और फिर 2027 में कितने लक्ष्‍यों की प्राप्ति हो सकी.