
कई बार मुर्गियां तनाव, पोषण की कमी या टूटे हुए अंडे देखकर खुद ही उन्हें खा लेती हैं. यह समस्या आम है लेकिन सही देखभाल से आसानी से रोकी जा सकती है.

अगर मुर्गियां ज्यादा तंग जगह में रहती हैं, तो उन पर तनाव बढ़ता है और वे अंडे तोड़ने लगती हैं. इसलिए हर मुर्गी को कम से कम 1.5 से 2 वर्ग फुट जगह जरूर दें.

खाने में कैल्शियम की कमी भी मुर्गियों को अंडे खाने पर मजबूर कर देती है. उन्हें कैल्शियम-युक्त फ़ीड, पिसे हुए सीप (oyster shells) या बोन मील खिलाएं. इससे अंडे का छिलका मजबूत बनेगा.

मुर्गियों के लिए अंधेरा, शांत और मुलायम बिछावन वाला नेस्ट बॉक्स बनाएं. जब अंडे गिरते या टूटते हैं, तो मुर्गियां उन्हें खा लेती हैं, इसलिए नेस्ट बॉक्स मजबूत और आरामदायक होना जरूरी है.

अंडे लंबे समय तक नेस्ट में छोड़ देने से मुर्गियों के उन्हें खाने की संभावना बढ़ जाती है. दिन में 2–3 बार अंडे निकालें ताकि वे टूटें नहीं और सुरक्षित रहें.

अगर मुर्गियां आदत बना चुकी हों, तो नेस्ट में रबर या सिरेमिक के नकली अंडे रखें. उन्हें चोंच मारने पर कुछ नहीं मिलेगा, और धीरे-धीरे यह आदत खुद ही खत्म हो जाएगी.

अगर किसी एक मुर्गी की आदत बहुत खराब हो, तो उसे कुछ दिनों के लिए अलग रखें. साथ ही नेस्ट बॉक्स में ज्यादा रोशनी न रखें, क्योंकि तेज़ रोशनी भी अंडा खाने की आदत बढ़ाती है.
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