महिंद्रा ट्रैक्टर्स ने हाल ही में भारत सरकार के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी की मौजूदगी में नई दिल्ली में अपना पहला कंप्रेस्ड बायो-गैस (CBG) संचालित युवो टेक+ ट्रैक्टर प्रदर्शित किया. कंप्रेस्ड नेचुरल गैस (CNG) के विपरीत, जो जीवाश्म ईंधन पर निर्भर करती है.
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CBG एक ग्रीन एनर्जि है जो खेत के कचरे, खाद्य वेस्ट और अन्य कार्बनिक पदार्थों जैसे बायोडिग्रेडेबल सामग्रियों से प्राप्त होता है. यह CBG को एक अधिक टिकाऊ विकल्प बनाता है, जो फॉसिल फ्यूल पर निर्भरता को कम करने और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने में मदद करता है.
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महिंद्रा युवो टेक+ सीबीजी ट्रैक्टर को पारंपरिक डीजल ट्रैक्टरों के बराबर शक्ति और प्रदर्शन देने के लिए डिज़ाइन किया गया है. जो इसे खेती और ढुलाई के कई तरह के कामों के लिए इसे उपयुक्त बनाता है.
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यह ट्रैक्टर सभी किसानों के मानकों को पूरा करता है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि यह कृषि उपयोग के लिए विश्वसनीय और कुशल दोनों है. सीबीजी में मिथेन की मात्रा सीएनजी से ज़्यादा होती है. इसलिए, सीबीजी से चलने वाले वाहनों का माइलेज 5 से 10 फ़ीसदी तक ज़्यादा होता है.
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इस तकनीक की मदद से महिंद्रा न केवल किसानों की मदद करने में सफल होगा बल्कि यह पर्यावरण को साफ और सुरक्षित रखने में किसानों की मदद करेगा.
महिंद्रा ने नवीन और टिकाऊ उत्पादों की शुरूआत के माध्यम से कृषि क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव लाने में अपनी भूमिका निभाना जारी रखा है, और पिछले कुछ वर्षों में सीएनजी ट्रैक्टर, एलपीजी ट्रैक्टर और दोहरे ईंधन ट्रैक्टर प्रौद्योगिकी जैसे वैकल्पिक ईंधन ट्रैक्टर प्रौद्योगिकियों का भी प्रदर्शन किया है.
सीबीजी के इस्तेमाल से कच्चे तेल पर निर्भरता कम होती है. साथ ही सीबीजी से किसानों की आय, ग्रामीण रोज़गार, और उद्यमिता को बढ़ाने में मदद मिलती है. सीबीजी के उत्पादन के लिए, बायोडिग्रेडेबल कचरे को एनारोबिक पाचन की प्रक्रिया से बायोगैस में बदला जाता है.
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