पशुपालकों को दूध दुहते यानी दूध निकालते समय कुछ खास बातों का ध्यान रखना चाहिए. क्योंकि कई बार पशुपालक साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखे बिना भी दूध निकालने लगते हैं. इसका असर सीधे दूध की मात्रा और क्वालिटी पर पड़ता है.
स्वच्छ दूध न केवल ग्राहकों की सेहत के लिए जरूरी है, बल्कि यह पशुपालकों की आमदनी बढ़ाने में भी सहायक होता है. ऐसे में आइए जानते हैं कि आखिर दूध निकालते समय किन 5 बातों का ध्यान रखना चाहिए.
दूध दुहने से पहले करें ये तैयारियां: दूध दुहने से पहले पशुपालक को खुद की सफाई पर विशेष ध्यान देना चाहिए. शरीर और हाथों को अच्छी तरह धोना चाहिए. साथ ही सिर को किसी साफ कपड़े ढकना चाहिए, ताकि बाल दूध में न गिरे.
पहली धार का न करें इस्तेमाल: एनिमल एक्सपर्ट की मानें तो पशुपालक जब भी दूध निकालें, दूध की प्रत्येक थन की पहली धार को जमीन पर गिरा दें. क्योंकि ये धार थन की नली में जमे बैक्टीरिया और गंदगी को बाहर निकालने में मदद करती है.
थनों की सफाई करनी जरूरी: दूध दुहाई के बाद थनों को साफ पानी से धोना और फिर जीवाणुनाशक घोल का छिड़काव करना जरूरी होता है. इसके बाद किसी साफ सूती कपड़े से थनों को पोंछना चाहिए. इससे थनों में संक्रमण की आशंका कम होती है.
पशु की पूंछ को बांधना न भूलें: दुहाई के समय पशु की पूंछ को पीछे के पैरों से हल्के हाथों से बांधने की सलाह दी जाती है, ताकि वह दूध दुहने वाले व्यक्ति को मार न सके या दूध वाली बर्तन में गंदगी न फैला दे. इसके अलावा शांत वातावरण में ही दूध दुहना चाहिए.
थनैला की जांच करना आवश्यक: थनैला एक आम रोग है जो दूध की क्वालिटी को प्रभावित करता है. इसलिए समय-समय पर थनैला पेपर के माध्यम से पशु के थनों की जांच करनी चाहिए. इससे बीमारी की पहचान जल्दी हो जाती है.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today