उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में किसानों की चिंता दिनों-दिन बढ़ती जा रही है. खेतों में खड़ी फसलों को समय पर खाद न मिलने से नुकसान झेल रहे किसान अब समितियों के चक्कर काटते-काटते थक चुके हैं.
कई दिनों की मशक्कत के बाद जब कहीं खाद मिल भी रही है तो जरूरत के मुताबिक नहीं, बल्कि सिर्फ एक या दो बोरी देकर किसानों को लौटा दिया जा रहा है.
इटावा की नई मंडी समिति पर पहुंचे किसान रमेश चंद्र पिछले 8 दिनों से लगातार लाइन में लग रहे थे. आज जाकर उन्हें खाद मिली, वो भी सिर्फ दो बोरी. उनका कहना है, “फसल के हिसाब से चार बोरी की आवश्यकता थी.
ग्राम नगला हेलू से पहुंचे किसान गुड्डू का कहना है की 8-10 दिन से परेशान होने के बाद भी खाद की आपूर्ति नहीं हो पा रही है, लगातार खाली हाथ लौटते रहे हैं, फसल खराब हो रही है.
ग्राम संतोषपुर ईट गांव से पहुंचे अरविंद सिंह ने कहा कि कई दिनों से लाइन में लगकर वापस चले जाते थे लेकिन खाद नहीं मिल रही थी. आज फिर सुबह से ही लाइन में लगे रहे, उम्मीद है कि शायद अब खाद मिल सकती है.
सहकारिता विभाग के सहायक आयुक्त कमलेश नारायण वर्मा ने बताया कि खाद की कोई कमी नहीं है, 50 समितियां पर खाद वितरण किया जा रहा है. पिछले साल से 125 फीसदी से ज्यादा वितरण हो चुका है. 6 हजार 71 मीट्रिक टन अभी तक वितरण कर चुके हैं.
पिछले साल 4 हजार मीट्रिक टन वितरण हुआ था, कोई समस्या नहीं है. 1900 मीट्रिक टन की रैक आई है, उसका भी समितियों पर वितरण हो चुका है. किसान हमारी समितियों पर निर्भर हैं, इसलिए किसानों की समितियों पर भीड़ है.
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