महाराष्ट्र में धनिये का उचित भाव नहीं मिलने किसान परेशानी में है किसानों का कहना हैं कि धनिया को बाजार में कोई एक रुपये किलो भी खरीदने वाला नहीं है. मंडी तक माल पहुंचाने का किराया भी नहीं निकल पा रहा है.किसानों का कहना हैं कि इस साल धनिये की खेती कर पछतावा हो रहा हैं.
कम दाम मिलने के कारण महाराष्ट्र के बारामती जिले के अशोक निवृत्ति पवार और पोपट नामदेव पवार किसान ने बताया कि मंडी सिर्फ धनिये का 1 रुपए प्रति किलो का भाव मिल रहा हैं जबकि इसकी खेती में 20 हज़ार का खर्च आया था ऐसे में किसान मंडी दाम नहीं मिलने से दोनों नाराज किसानों ने हरे धनिये की खड़ी फसल में जानवर छोड़ दिया. ताकि वो उसे खाकर खत्म कर दें.
किसानों का कहना हैं शहरों में धनिया ऑनलाइन प्लेटफार्म पर 40 से 60 रुपये किलो तक मिल रहा हैं लेकिन, हम किसानों को दाम नहीं मिल रहा है. कोई एक रुपये किलो भी खरीदने वाला नहीं है.
महिला किसान पुष्पलता मोरे ने अपने आधे एकड़ में धनिया की खेती थी मोरे का कहना हैं कि धनिया की खेती में 20 हज़ार से ज्यादा का खर्च आया था, जिसमे 7 हजार का बीज, धनिया निकालने की मजदूरी का मिलाकर 20 हजार रूपये की लागत आई थी जब धनिया बाजार में बेचने के लिए ले गए तब सिर्फ 1 रूपये का किलो का भाव मिल रहा हैं.
किसानों का कहना है कि जुलाई में धनिया का अच्छा रेट मिला था, इसलिए उन्होंने इसकी खेती बढ़ा दी. धनिया सिर्फ दो महीने में तैयार हो जाती है. अब मार्केट में एक-दो रुपये किलो का दाम मिल रहा है. इससे लागत भी नहीं निकल पा रही है. इसके चलते किसान अपनी फसल को खुद ही नष्ट करने पर मजबूर हो गए हैं.
किसान का कहना हैं कि धनाया बाजार तक ले जाने का खर्च नहीं निकल रहा है. उपज को मंडी तक लेने का भाड़ा भी नहीं निकल पा रहा है. ऐसे में उसे खेत में ही नष्ट करना उचित है. अब किसान सरकार से मदद कि गुहार रहे हैं कि उन्हें फसल का सही दाम मिले या फिर सरकार की तरफ से मुआवजा मिले.
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