उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में यमुना नदी अपना रौद्र रूप दिखाने लगी है. जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी से यमुना नदी खतरे के निशान को पार कर गई है 122.06 मीटर पर पहुंच गई है.
जलस्तर में इजाफा होने से यमुना नदी के किनारे जगह-जगह जलभराव हो गया है. वहीं, इससे लगभग आधा दर्जन गांव प्रभावित हो गए हैं, आने-जाने वाले रास्ते जलभराव की वजह से बंद हो गए हैं.
शहर में प्रतिष्ठित अत्याधुनिक तरीके से बना हुआ श्मशान घाट में लगभग 3 फीट तक पानी भर गया है. जल भराव होने की वजह से अंतिम संस्कार की प्रक्रिया बाधित हो चुकी है.
सुनवारा के पास पडराया हनुमान मंदिर में लगभग 4 फीट से अधिक पानी भर गया है. वहां बनी हुई आरसीसी की सड़क जो कि शहर मार्ग को ग्वालियर बायपास से जोड़ती है, उस पर भी तकरीबन साढ़े चार फीट पानी भरने से आवागमन बंद हो गया है.
श्मशान घाट के केयरटेकर राकेश राजपूत ने बताया कि यह शमशान घाट बहुत ऊंचाई पर बनाया गया था, जिससे की बाढ़ में प्रभावित न हो लेकिन इस बार पानी भर गया है.
अंतिम संस्कार की प्रक्रिया नहीं हो पाएगी इसके लिए अलग जगह बनाई जा रही है और साथ ही इसमें रखे हुए कुर्सी, कूलर और सामान को सुरक्षित बाहर जेसीबी की मदद से निकाला जा रहा है.
शहर के पक्के बाग से पहुंचे राकेश कुमार जिनके पिता का निधन हो चुका है वह अंतिम संस्कार प्रक्रिया के तहत यमुना नदी पर जल देने के लिए आते हैं लेकिन बाढ़ होने की वजह से दिक्कत हो रही है.
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