तरबूजा और खरबूजा दोनों फल गर्मियों के मौसम में खूब खाए जाते हैं. दोनों का स्वाद और गुण अनोखा है. लेकिन आज हम खरबूजा के लिए बात करेंगे, जिसके बारे में कहा जा रहा है कि इसे केमिकल और इंजेक्शन का उपयोग से पकाया जा रहा है. जो सेहत के लिए खतरनाक साबित हो सकता है.
बड़े पैमाने पर खरबूजा केमिकल से पकाया जा रहा है, जिसकी वजह से यह सेहत के लिए खतरनाक साबित हो सकता है. सवाल यह है कि आखिर कैसे पता करें कि खरबूजा सही है या खराब. विशेषज्ञों का कहना है कि अगर खरबूजा खोखला निकले या जल्दी खराब होने लगे तो समझ लेना चाहिए कि कुछ गड़बड़ है.
तब हो सकता है कि उसे केमिकल से पकाया गया हो या इंजेक्शन की मदद से. इसलिए बाजार से खरबूजा खरीदते वक्त हल्के दाग वाले फल का सेलेक्शन करें. यह नेचुरल तरीके से पका होने की बड़ी निशानी है.
अब सवाल है कि आखिर क्यों इसे लोग केमिकल से पका रहे हैं. दरअसल, गर्मियों में इसकी बढ़ती मांग के चलते कई बार इसे जल्दी पकाने के लिए केमिकल का इस्तेमाल लिया जाता है, जो कि स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है. केमिकल के प्रयोग से यह फल तेजी से पक जाता है.
खरबूजे के बारे में यह जानना कि यह केमिकल से पका है, इंजेक्शन से पका है या फिर प्राकृतिक तरीके से तैयार हुआ है इस समय यह जानना हर किसी के लिए चुनौती भरा काम है. हालांकि असली और स्वाभाविक तौर पर पके हुए खरबूज की देसी तरीके से पहचान बहुत सरल है. जो खरबूज जमीन पर उगाए जाते हैं उनमें अक्सर दाग और सफेद निशान होते हैं,जो उनके प्राकृतिक रूप से पकने की निशानी होती है.
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर केमिकल या इंजेक्शन से पके खरबूज का आप सेवन कर रहे हैं तो बीमारियों के लिए तैयार रहिए. कैल्शियम कार्बाइड जैसे रसायनों का इस्तेमाल खरबूज को जल्दी पकाने के लिए किया जाता है, जो नमी के संपर्क में आने पर एथिलीन गैस छोड़ता है.
इस गैस के प्रभाव से पेट में खराबी और गैस की समस्या हो सकती है. इसके और भी घातक परिणाम हो सकते हैं.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today