राजस्थान के फतेहपुर शेखाावाटी में गोवर्धन नाथ की पूजा के त्योहार पर शहर के श्री जानकी वल्ल्भ मंदिर में अन्नकूट महोत्सव का आयोजन किया गया. इस महोत्सव में सबसे पहला भोग भगवान के मंदिर में लगाकर श्रद्धालुओं को अन्नकूट के प्रसाद का वितरण किया गया. इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर में अन्नकूट लेने के लिए पहुंचे. श्री जानकी वल्ल्भ मंदिर में महंत गापेशाचार्य महाराज के सनिध्य में अन्नकूट महोत्सव बड़े ही उत्साह के साथ मनाया गया भगवान की विशेष आरती के बाद दोपहर को मंदिर में विशेष तौर से बना अन्नकूट का प्रसाद वितरित किया गया.
भक्त रमेश शर्मा ने बताया कि इस प्रसाद में कदमभात , पुड़ी, बेसन की चक्की, मूली की सब्जी, तले हुए केर और फली सहित अन्य अलग-अलग व्यंजन शामिल थे. प्रसाद लेने के लिए लोग दूर- दूर से आए थे.
दरअसल अन्नकूट का धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों ही दृष्टिकोण से बड़ा महत्व है. अन्नकूट का प्रसाद मौसम परिवर्तन के वक्त बड़ा महत्व रखता है. इस मौसम में मूली पकने लग जाती है. साथ ही अधिकांश लोग अन्नकूट महोत्सव से पहले मूली का सेवन भी नहीं करते हैं. एक ऋतु से दूसरी ऋतु में प्रवेश के दौरान भोजन भी चेंज होता है. ऐसे में अन्नकूट का प्रसाद एक तरह से इस तरह का भोजन होता है, जिसका सेवन करने के बाद सर्दी की ऋतु में जो भी हम ऋतु के अनुसार भोजन ग्रहण करते हैं, वो आसानी से पाचन हो जाता है.
जिसके बाद मंदिर में प्रसाद लेने के लिए भक्तों की लंबी कतार देखने को मिली. हजारों लोगों ने पंगत में बैठकर अन्नकूट का प्रसाद ग्रहण किया. इसी तरह शहर के नगर अराध्य देव श्री लक्ष्मीनाथ जी के मन्दिर,श्री पंचमुखी बालाजी मन्दिर,बड़ के बालाजी ,बावड़ी गेट के कालीदास भगवान को अन्नकूट का भोग लगाकर प्रसाद का वितरण किया गया.
इससे पहले सुबह गोवर्धन पूजन भी किया गया और दोपहर को मंदिरों में अन्नकूट के प्रसाद का वितरण हुआ इस दौरान श्री ठाकूर को छप्पन भोग लगाया गया महिलाओं ने अलग - अलग तरह के प्रसाद का भोग गोवर्धनजी को लगाया इस मौके पर महिलाओं ने घर में सुख शांति व समृद्धि की मंगल कामना भगवान गोवर्धन से की.
जानकारी के अनुसार गोवर्धन भगवान कृष्ण का ही एक नाम हैं, भक्त गोवर्धन के रूप में भगवान कृष्ण की पूजा की करते हैं इस दिन कई मंदिरों में अन्नकूट महोत्सव धूमधाम भी मनाया जाता है.
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