वैलेंटाइड डे करीब आ रहा है. इसके साथ ही गुलाब की मांग भी बढ़ रही है. यह अलग बात है कि गुलाब की मांग पूरे साल रहती है. पर अपनों को खुश करने के लिए और दिल की बात कहने के लिए हर कोई गुलाब जैसे खुबसूरत फूल का सहारा लेना पसंद करता है. यही कारण है कि प्यार के इस मौसम में गुलाब की कीमत और मांग दोनों ही कई गुणा अधिक बढ़ जाती है. देश की सबसे बड़ी फूल मंडी गाजीपुर भी वैलेंटाइन डे को लेकर पूरी तरह तैयार है. ताकि इस दिन किसी खास को अपनी बात कहने के लिए गुलाब की कमी ना हो जाए.
ग़ाज़ीपुर फूल मंडी में लगभग 25 से ज़्यादा रंग का गुलाब पहुंचता है. यहां गुलाब कि अलग अलग क्वालिटी भी है. गुलाब की पंखुड़ी से लेकर गुलाब के गुलदस्ते तक का यहां बड़ा बाज़ार है. ग़ाज़ीपुर फूल मंडी में 400 से ज़्यादा छोटे और बड़े दुकानदार मौजूद हैं जिनमें से 40 से ज़्यादा दुकानदार सिर्फ़ गुलाब का काम करते हैं. इन सभी लोगों का कहना है कि गुलाब तो पूरे साल डिमांड में रहता है लेकिन वैलेंटाइन वीक में इसकी डिमांड और रेट बहुत ऊपर चले जाते हैं. गुलाब का कारोबार करने वाले पंकज राजपूत बताते हैं कि उनके पास 25 रंगों को गुलाब मिलते हैं. इनमें सभी की कीमत भी अलग-अलग है. पर सबसे अधिक मांग रेड रोज़ की ही होती है.
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पंकज बताते हैं कि उनके पास बैंगलौर पुणे नासिक सोनीपत जैसे इलाकों से टॉप क्वालिटी का गुलाब आता है. वो कहते हैं आमतौर पर बीस गुलाब का एक गुच्छा 120-150 रुपये के बीच बिकता है लेकिन वैलेंटाइन वीक में वही गुच्छा 280-300 रुपये के बीच बिक रहा है. जैसे जैसे वैलेंटाइन डे पास आता जाएगा इसकी क़ीमत 400-500 तक भी पहुंच जाती है. ऐसा नहीं है कि वैलेंटाइन वीक में सिर्फ़ गुलाब की ही क़ीमत दो तीन गुना ज़्यादा हो गई है बल्कि गुलाब के साथ जिन चीज़ों का इस्तेमाल एक गुलदस्ता तैयार करने में किया जाता है उनके दामों में भी इज़ाफ़ा हो गया है. फूल व्यापारी हरीश बताते हैं कि छोटा या बड़ा गुलदस्ता बनाने में गुलाब के साथ जिप्सो या गोल्डन (पत्तियाँ) का इस्तेमाल किया जाता है. आमतौर पर इनकी क़ीमत 30 रुपए बंडल होती है लेकिन इस वक्त इनके दाम भी लगभग 50 रुपए तक पहुंच चुके हैं.
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ग़ाज़ीपुर फ्लावर ट्रेड एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉक्टर तेग सिंह चौधरी बताते हैं कि वैलेंटाइन वीक में किसानों को अच्छा मुनाफ़ा होता है. यहां तक कि जिन किसानों को पहले कभी नुक़सान हुआ हो वो भी इस वैलेंटाइन वीक में अपने नुक़सान की भरपाई कर लेते हैं. मंडी से गुलाब ख़रीद कर छोटे दुकानदार अपने इलाक़े में बेचते हैं वैलेंटाइन वीक में इनके चेहरे भी गुलाब जैसे खिले खिले दिखाई पड़ते हैं. वह बताते हैं कि वैसे तो गुलाब 15-बीस रुपये में बिकता है लेकिन वैलेंटाइन वीक में गुलाब 50 रुपया तक आराम से बिक जाता है और ज़्यादा क्वांटिटी में बिकता है.इतना ही नहीं फूल की मंडी में फूल की खेती करने वाले किसान और व्यापारियों के अलावा यहां पर काम करने के लिए आने वाली महिलाओं को भी गुलाब की पंखुड़िया तोड़ने का काम मिल जाता है. इससे उन्हें अच्छी कमाई होती है. (नई दिल्ली से मनीष चौरसिया की रिपोर्ट)
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