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...65 बैलगाड़ियों का काफिला लेकर दुल्‍हन के घर पहुंचा UP का यह किसान, जानिए वजह

...65 बैलगाड़ियों का काफिला लेकर दुल्‍हन के घर पहुंचा UP का यह किसान, जानिए वजह

दूल्हे के चचेरे भाई संतोष यादव ने बताया कि बैलगाड़ी तो हम किसानों की पहचान है. आधुनिकता के इस दौर में लोग बैलगाड़ी को भूल गए हैं. इस बैलगाड़ी से तो हमारा सैकड़ों वर्ष पुराना नाता है.

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इस अनोखी बारात की चर्चा चारों तरफ हो रही हैं. इस अनोखी बारात की चर्चा चारों तरफ हो रही हैं.

UP News: आजकल जहां लोग दुल्हन की विदाई डोली से लेकर महंगी गाड़ियां जैसे मर्सिडीज, जगुआर और हेलीकॉप्टर में कराते हैं. वहीं रायबरेली में 65 बैलगाड़ियों का काफिल देखकर लोग हैरत में पड़ गए. दरअसल, यूपी के रायबरेली में एक किसान ने अपनी शादी को यादगार बनाने के लिए अनोखा कदम उठाया है. यहां दूल्‍हा नई नवेली दुल्‍हन को लेने के लिए बैलगाड़ी से बारात लेकर पहुंच गया. इस अनोखी शादी को देखने के लिए लोगों की काफी भीड़ लगी थी.

बैलगाड़ी तो हम किसानों की पहचान

रायबरेली जिले के डीह थाना क्षेत्र अंतर्गत खुरहटी गांव के रहने वाले राहुल यादव  पुत्र सूरजपाल यादव ने अपनी शादी में लग्जरी गाड़ियों का ना इस्तेमाल करके पुरानी संस्कृति को अपनाया और लगभग 65 बैलगाड़ियों के साथ अपनी दुल्हनिया को लेने निकल पड़े. रास्ते में जिसने भी देखा वह आश्चर्यचकित रह गया. बैलों के गले व पैरों में बंधे घुंघरू की खनखन आवाज करती हुई निकली बारात लोगों के आकर्षण का केंद्र बनी रही. राहगीर भी मोबाइल से वीडिया बनाते नजर आए. दूल्हे के चचेरे भाई संतोष यादव ने बताया कि बैलगाड़ी तो हम किसानों की पहचान है. आधुनिकता के इस दौर में लोग बैलगाड़ी को भूल गए हैं. इस बैलगाड़ी से तो हमारा सैकड़ों वर्ष पुराना नाता है.

बैलगाड़ियों को आसपास के गांवों से किया इकट्टा

आगे उन्होंने बताया कि वह बीते एक महीने से अपने भाई की शादी की तैयारी में लगे हुए थे. उनके यहां दो जोड़ी बैल आज भी हैं. बाकी बैलगाड़ी को वह आस पड़ोस के गांव से इकट्ठा किया. वह बताते हैं कि हमारे पिता खेती किसानी से जुड़े हुए हैं, उनकी इच्छा थी,कि वो अपनी पुरातन संस्कृति को आगे बढ़ाते बारात बैलगाड़ी पर लेकर जाए.  इन्हीं बैलगाड़ियों पर बाराती सवार हुए और रवाना हो गए दुल्हन के घर. बाराती भी बैलगाड़ी से निकली. इस बारात को लेकर खासे उत्साहित रहे. उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि वह भारतीय संस्कृति को पीछे न छोड़ें. फिलहाल इस अनोखी बारात की चर्चा चारों तरफ हो रही हैं. 

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