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महाराष्ट्र में इस बार 109.36 लाख टन चीनी का हुआ उत्पादन, 1066.86 लाख टन गन्ने की हुई पेराई

महाराष्ट्र में इस बार 109.36 लाख टन चीनी का हुआ उत्पादन, 1066.86 लाख टन गन्ने की हुई पेराई

चीनी उद्योग के विशेषज्ञ बताते हैं कि इस साल राज्य में चीनी का उत्पादन उम्मीद से अधिक हुआ है. क्योंकि उन्हें इस साल इतने उत्पादन की उम्मीद नहीं थी. विशेषज्ञों ने कहा कि जब राज्य में पेराई का सीजन शुरू हुआ था तब ही यह कयास लगाए जा रहे थे कि इस बार चीनी का उत्पादन कम होगा.

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महाराष्ट्र में इस सीजन में गन्ने की पेराई (सांकेतिक तस्वीर) महाराष्ट्र में इस सीजन में गन्ने की पेराई (सांकेतिक तस्वीर)

महाराष्ट्र में इस बार बंपर चीनी का उत्पादन हुआ है. 2023-24 के गन्ना पेराई सीजन में राज्य के चीनी मिलों ने 1066.86 लाख टन गन्ने की पेराई की है. इतने गन्ने की पेराई के बाद राज्य से 109.36 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है. चीनी का यह उत्पादन राज्य में पेराई का काम कर रही 207 मिलों को मिलाकर हुआ है. इनमें से अब 196 मिलों ने गन्ने की पेराई का काम बंद कर दिया है. पिछले साल के गन्ना पेराई सीजन की बात करें तो इस अवधि के दौरान 211 मिलों ने मिलकर 1053.91 लाख टन गन्ने की पेराई की थी. इससे 105.23 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था. हालांकि इस साल अधिक गन्ने की पेराई भी हुई है और चीनी का उत्पादन भी अधिक हुआ है. 

पेराई के आकड़ों को देखकर यह पता चलता है कि इस गन्ना पेराई सीजन में चीनी का मात्रा अधिक निकली है. जो पिछले साल की तुलना में 10.25 प्रतिशत अधिक है. फिहलाल अब गन्ने की पेराई लगभग खत्म होने के कगार पर है क्योंकि पश्चिमी महाराष्ट्र में स्थित अधिकांश मिलों में अब पेराई का काम बंद हो चुका है. जबकि राज्य के बाकी हिस्सो में फिलहाल एक दो मिलों में गन्ने की पेराई का काम जारी है. लेकिन कयास लगाए जा रहे हैं कि जो मिलें फिलहाल चालू हैं वो भी अगले दो से तीन दिनों के अंदर पेराई का काम बंद कर देगी. 

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उम्मीद से अधिक हुआ उत्पादन

चीनी उद्योग के विशेषज्ञ बताते हैं कि इस साल राज्य में चीनी का उत्पादन उम्मीद से अधिक हुआ है. क्योंकि उन्हें इस साल इतने उत्पादन की उम्मीद नहीं थी. विशेषज्ञों ने कहा कि जब राज्य में पेराई का सीजन शुरू हुआ था तब ही यह कयास लगाए जा रहे थे कि इस बार चीनी का उत्पादन कम होगा. हालांकि इस बार मौसम ने भी साथ दिया और गन्ना पर्याप्त मात्रा में गन्ना की आपूर्ति भी हुई जिससे चीनी उद्योग को काफी लाभ हुआ है. चीनी उद्योग से जुड़े सूत्र बताते हैं कि इस बार बेमौसम बारिश के कारण देर से गन्ना की पेराई शुरू हुई, जो महाराष्टर में चीनी उद्योग के लिए काफी फायदेमंद साबित हुआ. इससे उत्पादन भी बढ़ा और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती भी मिली. 

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इस साल 10 प्रतिशत रही चीनी रिकवरी

एक रिपोर्ट के अनुसार इस सीजन में कुल 207 चीनी मिलों ने पेराई में भाग लिया जिसमं 103सहकारी और 104 निजी मिलें शामिल थी. 15 अप्रैल, 2024 तक के प्राप्त आंकड़ों के अनुसार राज्य में 1091.36 लाख क्विंटल चीनी का उत्पादन किया गया है. महाराष्ट्र में वर्तमान सीजन में पिछले सीजन के मुकाबले अब तक 189 चीनी मिलों ने पेराई बंद किया है. जबकि पिछले सीजन में 211 चीनी मिलों ने पेराई बंद किया था. इस साल चीनी रिकवरी की प्रतिशत 10 प्रतिशत थी.