नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने पंजाब और हरियाणा सरकार को 2024 में पराली जलाने को रोकने के लिए एक कार्य योजना बनाने का निर्देश दिया. ट्रिब्यूनल ने टिप्पणी में कहा, 'आप इसके बारे में भूल जाएंगे और अगले साल पंजाब में फिर से पराली जलाई जाएगी.' एनजीटी ने राज्यों को अगले वर्ष के लिए विभिन्न निवारक कदमों सहित एक समयबद्ध कार्य योजना (एक्शन प्लान) तैयार करने का निर्देश दिया है. दिल्ली प्रदूषण के संबंध में, ट्रिब्यूनल ने दिल्ली में केवल GRAP को लागू करने और रद्द करने के लिए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग को फटकार लगाई. एनजीटी ने कहा कि सीएक्यूएम अपने आधार पर काम कर रहा है. CAQM का क्या काम है? वे बस GRAP को रद्द करते हैं और लागू करते हैं. उनके 90% सदस्य बैठकों में शामिल नहीं होते हैं.'
एनजीटी ने इससे पहले प्रदूषण और पराली जलाने के बढ़ते मामलों को लेकर पंजाब सरकार की खिंचाई की थी. एनजीटी ने पराली जलाने पर तत्काल प्रतिबंध लगाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करने में विफल रहने के लिए राज्य सरकार की आलोचना भी की थी. हरित न्यायाधिकरण यानी कि NGT ने पराली जलाने पर रोक नहीं लगाने के लिए पंजाब सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों पर नाखुशी जाहिर की थी.
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एनजीटी ने इसे "प्रशासन की पूर्ण विफलता" बताते हुए कहा कि “जब मामला उठाया गया था तब पराली जलाने की लगभग 600 घटनाएं दर्ज की गई थीं और अब यह संख्या 33,000 है, इस तथ्य के बावजूद कि एनजीटी और सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर विचार कर रहे हैं. और आप कह रहे हैं कि आप प्रयास कर रहे हैं.” एनजीटी ने कहा था कि “यह आपके प्रशासन की पूर्ण विफलता है. पूरा प्रशासन काम पर है और फिर भी आप विफल रहे हैं.''
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एनजीटी ने पंजाब सरकार को "उल्लंघनकर्ताओं पर मुकदमा चलाने में सेलेक्टिव रोल" के लिए भी बुलाया था क्योंकि पंजाब के वकील ने कहा था कि उसने 1,500 में से एक ही दिन में फसल जलाने के लिए केवल 829 के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी. “यह एक दिन की घटना का लगभग एक-चौथाई है. इस पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने पंजाब के वकील से कहा कि सभी के खिलाफ समान कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है. दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के स्तर में बढ़ोतरी के बीच, सुप्रीम कोर्ट ने 7 नवंबर को पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि फसल अवशेष जलाना "तत्काल" रोका जाए, यह कहते हुए कि वह प्रदूषण के कारण "लोगों को मरने" नहीं दे सकता.(सृष्टि ओझा की रिपोर्ट)
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