
महाराष्ट्र राज्य के मराठवाड़ा क्षेत्र में भारी बारिश ने किसानों की जिंदगी में अंधेरा ला दिया है. सबसे अधिक असर नांदेड़ जिले में देखने को मिला, जहां अर्धापुर तहसील के कोंढा गांव में एक ही दिन में बेटे और पिता की मौत ने पूरे गांव को हिला कर रख दिया.
किसान निवृत्ति कदम (युवा किसान) ने मंगलवार को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. उसके कुछ ही घंटों बाद पिता की भी सदमे से मौत हो गई. निवृत्ति कदम के पास 3 एकड़ जमीन थी, जिसमें सोयाबीन बोई गई थी. लगातार 8 दिनों की मूसलधार बारिश ने सारी फसल बर्बाद कर दी.
कदम रोजाना खेत में जाकर फसल देखते थे और सोचते थे कि एक लाख दस हजार का बैंक कर्ज, साहूकार से बुवाई के लिए लिया गया कर्ज, बच्चों की पढ़ाई और परिवार का गुजारा कैसे चलेगा. इसी सोच में युवा किसान निवृत्ति कदम ने अपनी जान दे दी.
कदम ने आत्महत्या से पहले एक पत्र लिखा, जिसमें उसने बाढ़, बेरोजगारी, आरक्षण की कमी और कर्ज के बोझ का जिक्र किया. उन्होंने लिखा, “मेरे बेटे के पास कोई रोजगार नहीं, सारी फसलें पानी में डूब गईं, अब क्या करें?” पुलिस ने वह पत्र जब्त कर लिया है.
कदम पर लगभग 1.10 लाख रुपये का बैंक लोन और साहूकार का कर्ज था. फसल की बर्बादी के बाद उनका मनोबल पूरी तरह टूट गया था. गांव में रहने वाले भगवान कदम, जिन्होंने एक ही दिन में अपने पिता और दादा को खो दिया, रोते हुए बोले — “अब हमारा क्या होगा? अब हम किसके सहारे रहेंगे?”
पहले आसमानी संकट और अब सरकारी संकट से किसान हताश हो गए हैं. उनका कहना है कि सरकार को तुरंत 50,000 रुपये प्रति हेक्टेयर की आर्थिक सहायता देनी चाहिए और सभी ऋण माफ करने चाहिए और किसानों के साथ मजबूती से खड़ा होना चाहिए. अन्यथा किसानों का सरकार पर से भरोसा उठ जाएगा. कुछ इसी तरह किसान अपनी भावनाएं व्यक्त कर रहे हैं.
राज्य सरकार ने 8,500 रुपये प्रति हेक्टेयर की सहायता राशि की घोषणा की है, लेकिन किसानों का कहना है कि यह मामूली राहत है और वास्तविक क्षति के सामने कुछ नहीं. किसानों ने मांग की है कि:
कोंढा गांव की यह घटना अकेली नहीं है, बल्कि महाराष्ट्र के हजारों किसानों की पीड़ा का प्रतीक बन गई है. अगर सरकार ने समय रहते ठोस कदम नहीं उठाए, तो किसानों का विश्वास तंत्र से उठ जाएगा और इस तरह की घटनाएं और बढ़ सकती हैं. इस तरह की घटनाएं पूरे महाराष्ट्र में देखी जा रही हैं, खासकर मराठवाड़ा में जहां बारिश और बाढ़ से फसलों का भारी नुकसान हुआ है.
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