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नजर आया ईद का चांद, 11 अप्रैल को देशभर में मनाई जाएगी ईद, जामा मस्जिद ने किया ऐलान 

नजर आया ईद का चांद, 11 अप्रैल को देशभर में मनाई जाएगी ईद, जामा मस्जिद ने किया ऐलान 

जामा मस्जिद की तरफ से बुधवार को ऐलान किया गया है कि 11 अप्रैल को पूरे देश में ईद-उल-फितर का जश्‍न मनाया जाएगा. जामा मस्जिद की चंद कमेटी की तरफ से बताया गया है कि 10 अप्रैल को ईद का चांद नजर आया है और ऐसे में ईद 11 अप्रैल को होगी. मस्जिद के शाही इमाम ने बताया है कि जामा मस्जिद में सुबह 6:30 बजे और फतेहपुरी मस्जिद में सुबह 7:30 बजे ईद की नमाज होगी.

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बुधवार को नजर आ गया ईद का चांद बुधवार को नजर आ गया ईद का चांद

जामा मस्जिद की तरफ से बुधवार को ऐलान किया गया है कि 11 अप्रैल को पूरे देश में ईद-उल-फितर का जश्‍न मनाया जाएगा. जामा मस्जिद की चंद कमेटी की तरफ से बताया गया है कि 10 अप्रैल को ईद का चांद नजर आया है और ऐसे में ईद 11 अप्रैल को होगी. मस्जिद के शाही इमाम ने बताया है कि जामा मस्जिद में सुबह 6:30 बजे और फतेहपुरी मस्जिद में सुबह 7:30 बजे ईद की नमाज होगी. ईद का चांद दिखते ही रमजान का भी अंत माना जाता है. नौ अप्रैल को चांद नजर नहीं आया था और ऐसे में बुधवार को होने वाले ऐलान पर सबकी नजरें टिकी थीं. 

मंगलवार को रहा चांद का इंतजार 

ईद की आधिकारिक पुष्टि रमजान की आखिरी रात को आधा चांद दिखने पर निर्भर करती है. यह परंपरा इस्‍लाम के चंद्र कैलेंडर के महत्व को भी बयां करती है. लखनऊ की मरकजी चांद कमेटी ने भी मंगलवार को कहा कि देश में शव्वाल का चांद नहीं देखा गया, इसलिए ईद 11 अप्रैल को मनाई जाएगी. मीडिया से बात करते हुए मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि चांद नहीं देखा गया है. उन्होंने कहा था कि उन्‍हें देश में कहीं से भी चांद के बारे में कोई जानकारी नहीं है. इसलिए 11 अप्रैल को ईद मनाने का फैसला लिया गया है.

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चंद्र कैलेंडर पर निर्भर तारीख 

ईद की सटीक तारीख इस्लाम के चंद्र कैलेंडर पर निर्भर करती है. ग्रेगोरियन कैलेंडर 365 दिनों के सौर वर्ष को फॉलो करता है जबकि इस्लामी कैलेंडर में 29 या 30 दिनों के 12 महीने होते हैं, जो एक वर्ष में कुल 354 या 355 दिन होते हैं. इस वजह से ग्रेगोरियन कैलेंडर के संबंध में ईद की तारीख में हर साल करीब 10-12 दिनों का फेरबदल होता है. जहां भारत में ईद 11 अप्रैल को मनाई जाएगी तो सऊदी अरब में 10 अप्रैल को इसका जश्‍न मनाया गया. 

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क्‍यों मनाई जाती है ईद 

ईद के मौके पर एक दूसरे के घर जाकर गले लगकर ईद की बधाई दी जाती है. जिसके बाद मुंह मीठा करने के लिए खीर या शीर खुरमा का स्वाद लिया जाता है.  इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार, इस्लाम के आखिरी पैगंबर नबी मुहम्मद ने जंग-ए-बद्र में जीत हासिल की थी. जिस समय जंग-ए-बद्र हुई उस दिन रमजान महीने का 17वां रोजा था.रोजा रखकर ही पैगंबर मुहम्मद ने अपने अनुयायियों के साथ दुश्मन की भारी सेना को भी धूल चटा दी थी. जंग-ए-बद्र की जीत के बाद खुशी में लोगों का मुंह मीठे से करवाया गया था. जिसके बाद से इस दिन को मीठी ईद या ईद-उल-फितर के रूप में मनाया जाता है. साथ ही यह भी माना जाता है कि रमजान महीने के अंत में ही पहली बार पवित्र ग्रंथ कुरान धरती पर आई थी.