पिछले साढ़े 9 सालों में हरियाणा के किसानों के हितों मेँ कई काम करती आ रही है. किसानों के कल्याण के प्रति वचनबद्धता का परिचय देते हुए मनोहर लाल खट्टर की सरकार ने नई-नई योजनाएं चलाकर किसानों का उत्थान किया है. ऐसे में एक बार फिर मुख्यमंत्री खट्टर के नेतृत्व में राज्य सरकार ने किसानों के हितों में बड़ा ऐतिहासिक फैसला लिया है. दरअसल सरकार ने ब्रिटिश शासन के समय से किसानों को नहरी पानी की आपूर्ति पर लगाया जाने वाला आबियाना यानी किसानों से नहरी पानी के बदले सिंचाई विभाग कर वसूली करता था जिसे समाप्त करने का निर्णय लिया गया है.
सीएम मनोहर लाल खट्टर ने वर्ष 2024-25 के बजट में बड़ी घोषणा की है. इसमें उन्होंने कहा कि 1 अप्रैल, 2024 से नहरी पानी की आपूर्ति पर प्रदेश में किसानों से लिया जाने वाला आबियाना बंद किया जाएगा. इससे किसानों को बड़ा लाभ होगा. सीएम की इस घोषणा से 4299 गांवों के किसानों को 140 करोड़ रुपये का एकमुश्त लाभ होगा. साथ ही, 54 करोड़ रुपये की वार्षिक राहत भी मिलेगी.
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लाजमि है कि हरियाणा के इतिहास में आज तक कभी भी आबियाना को खत्म नहीं किया गया है. साल दर साल से यह आबियाना चलता आ रहा था. वहीं पहली बार मुख्यमंत्री खट्टर के नेतृत्व में वर्तमान सरकार ने आबियाना बंद करने का कदम उठाया है. इस ऐतिहासिक फैसले से सरकार ने ब्रिटिश शासन से चली आ रही परंपरा को खत्म करते हुए किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त करने का काम किया है.
वित्त वर्ष 2022-23 के अनुसार, प्रमुख जिलों की सूची में जिला हिसार में 349 गांवों के 31.23 करोड़ रुपये का आबियाना बकाया है. इसी प्रकार, कैथल के 320 गांवों के 19.90 करोड़ रुपये, भिवानी के 417 गांवों के 17.13 करोड़ रुपये, सिरसा के 395 गांवों के 12.48 करोड़ रुपये, झज्जर के 157 गांवों के 6.94 करोड़ रुपये, चरखी दादरी के 229 गांवों के 6.09 करोड़ रुपये और नूहं के 171 गांवों के 5.98 करोड़ रुपये का आबियाना बकाया है. अब सरकार के इस फैसले से इन गांवों के किसानों को आबियाना नहीं देना होगा.
सिंचाई के लिए 16,932 आउटलेट निर्धारित हैं और आबियाना की इस बकाया राशि के अंतर्गत लगभग 24.11 लाख हेक्टेयर भूमि आती है, जिसमें रबी फसलों के तहत 12.19 लाख हेक्टेयर और खरीफ फसलों के तहत 11.92 लाख हेक्टेयर भूमि शामिल है. आबियाना खत्म होने से अब किसानों को सीधे तौर पर लगभग 140 करोड़ रुपये का लाभ होगा.
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