अपनी मांगों को लेकर हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर किसानों का रेल रोको आंदोलन आज आठवें दिन भी जाती है. 17 अप्रैल किसान अपनी मांगों को लेकर रेल रोको आंदोलन कर रहे हैं. किसानों के आंदोलन के आठवें दिन 149 ट्रेनें प्रभावित हुई हैं. इसमे से 75 को रद्द कर दिया गया है जबकि 64 ट्रेनों का मार्ग बदला गया है. इसके अलावा 10 ट्रनों को शॉर्ट ओरिजिनेट और शॉर्ट टर्मिनेट किया गया है. हरियाणा में गिरफ्तार किए गए तीन किसानों की रिहाई की मांग को लेकर किसान आंदोलन पर बैठे हुए हैं. किसानों के आंदोलन के कारण रेल सेवाओं पर खासा असर पड़ा है.ट्रेनों को रद्द करना पड़ा रहा है इससे यात्रियों की परेशानी काफी बढ़ गई है.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार उत्तर रेलवे के अंबाला डिविजन के मु्ख्य जनसंपर्क अधिकारी दीपक कुमार ने कहा कि किसानों के रेल रोको आंदोलन के कारण हमे मेल एक्सप्रेस, शताब्दी और पैसेंजर सहित 1139 ट्रेनों के परिचालन पर असर पड़ा है. आंदोलन के कारण इतनी बड़ी संख्या में या तो ट्रेनों को रद्द करना पड़ा या फिर डायवर्ट करने करने के लिए मजबूर होना पड़ा. ये आंकड़े पिछले आठ दिनों के हैं. किसानों के इस आंदोलन का असर अंबाला के कपड़ा व्यपार पर भी पड़ा है क्योंकि व्यापारी बड़े पैमाने पर अपना माल नहीं भेज पा रहे हैं.
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गौरतलब है कि शंभू स्टेशन रेलवे की एक बेहद की प्रमुख रेलवे लाइन पर है. जो दिल्ली को पंजाब और केंद्र शाषित प्रदेश जम्मू-कश्मीर से जोड़ता है. इसलिए किसान आंदोलन के दौरान इस स्टेशन पर विरोध प्रदर्शन करते हैं. वहीं शंभू में प्रदर्शनकारी किसानों को संबोधित करते हुए किसान यूनिय के नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि शंभू, खनौरी और डबवाली सीमाओं को उन्हें प्रदर्शन करते हुए 70 दिन बीत चुके हैं. जब उनके प्रदर्शन के 100 दिन पूरे हो जाएंगे तब वो पूरे देश में बड़ी सभाएं करेंगे और इससे नरेंद्र मोदी की सरकार डर जाएगी.
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उन्होंने यह भी दावा किया कि एक दिन पहले बीजेपी उम्मीदवार किसानों के सवाल का जवाब देने के बजाय भाग गए. साथ ही आरोप लगाया कि आज मोदी सरकार विकसित भारत का नारा देने के बाद विकास के एजेंडे से भाग गई. सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि जिन भी किसानों को बारिश और ओलावृष्टि से नुकसान हुआ है उन्हें तत्काल राहत पहुंचाने के लिए सरकार की तरफ से कदम उठाए जाने चाहिए. फसल नुकसान का मुआवजा देने के लिए तुरंत गिरदावरी करने का आदेश देना चाहिए. यात्रियों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो इसके लिए अरितिक्त कर्मियों की तैनाती की गई है. वहीं आरपीएफ भी पूरी तरह से चौकसी बरत रही है.
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