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दिल्ली के रामलीला मैदान में किसानों की महापंचायत, आज तय होगी आगे के आंदोलन की रणनीति

दिल्ली के रामलीला मैदान में किसानों की महापंचायत, आज तय होगी आगे के आंदोलन की रणनीति

प्रदर्शन कर रहे किसानों को दिल्ली के रामलीला मैदान में महापंचायत करने की अनुमति तो मिल गई है, पर किसानों को कुछ शर्तों का पालन करने के लिए कहा गया है. इन शर्तों में दिल्ली पुलिस की पहली शर्त यह है कि किसान ट्रैक्टर या ट्रॉली लेकर दिल्ली में मार्च नहीं करेंगे.

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रामलीला मैदान में किसान महापंचायत रामलीला मैदान में किसान महापंचायत

एमएसपी गारंटी कानून समेत अन्य मांगों को लेकर 13 फरवरी से दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों को दिल्ली में प्रवेश करने की अनुमति मिल गई. आज वो दिल्ली के रामलीला मैदान में महापंचायत कर रहे हैं. इस महापंचायत में संयुक्त किसान मोर्चा में शामिल 37 संगठनों के नेता मंच पर मौजूद रहेंगे. दावा किया जा रहा है कि इस महापंचायत में लगभग 400 संगठन शामिल हो सकते हैं. किसानों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए दिल्ली पुलिस की तरफ से  ट्रैफिक एडवाइजरी जारी की गई है. यह एडवाइजरी 14 मार्च सुबह 6 बजे से शाम में चार बजे तक के लिए जारी की गई है. इसके साथ ही नोएडा ट्रैफिक पुलिस की तरफ से भी एडवाइजरी जारी की गई कि वाहनों की सघन चेकिंग की जाएगी. साथ ही कहा गया है कि यातायात दबाव बढ़ने की स्थिति में आवश्यकतानुसार यातायात का डायवर्जन किया जा सकता है. 

प्रदर्शन कर रहे किसानों को दिल्ली के रामलीला मैदान में महापंचायत करने की अनुमति तो मिल गई है, पर किसानों को कुछ शर्तों का पालन करने के लिए कहा गया है. इन शर्तों में दिल्ली पुलिस की पहली शर्त यह है कि किसान ट्रैक्टर या ट्रॉली लेकर दिल्ली में मार्च नहीं करेंगे. साथ ही कार्यक्रम स्थल पर ट्रैक्टर या ट्रॉली लेकर नहीं जाएंगे क्योंकि इससे ट्रैफिक की समस्या हो सकती है और आम लोगों को परेशानी हो सकती है. इसके अलावा किसानों से कहा गया है कि इस महापंचायत में पांच हजार से अधिक किसान शामिल नहीं होंगे. 

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तैयार की जाएगी आगे की रणनीति

किसानों की महापंचायत दिन के 11 बजे शुरू होगी और दोपहर दो बजे तक चलेगी. इस महापंचायत का उद्देश्य सरकार की नीतियों के खिलाफ लड़ाई को तेज करना है, साथ ही एमएसपी जैसे मुद्दों पर सरकार का ध्यान केंद्रित करना है और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू कराना है. आज के किसान महापंचायत की अगुवाई संयुक्त किसान मोर्चा कर रहा है, जो किसान संगठनों का एक प्रमुख संगठन है. तीन कृषि कानूनों के खिलाफ साल 2020-21 में चल रहे किसान आंदोलन के दौरान एसकेएम ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. एसकेएम ने कहा है कि एक संकल्प पत्र पारित करने की योजना बनाई जा रही है. जिसमें कॉरपोरेट समर्थक नीतियों के खिलाफ रणनीतियों की रुपरेखा तैयार की जाएगी. इसके बाद आगे के कार्यों की घोषणा की जाएगी.

इन मार्ग पर यातायात रहेगा प्रभावित

किसान महापंचायत को देखते हुए दिल्ली पुलिस की तरफ के ट्रैफिक एडवाइजरी भी जारी की गई है. इस कार्यक्रम से दिल्ली और आसपास के इलाकों का यातायात प्रभावित हो सकता है. दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के बयान के मुताबिक किसानों के जुटने से जवाहरलाल नेहरू मार्ग, बाराखंभा रोड, बहादुरशाह जफर मार्ग, टॉल्स्टॉय मार्ग, आसफ अली रोड, जय सिंह रोड, स्वामी विवेकानंद मार्ग, संसद मार्ग, नेताजी सुभाष मार्ग, बाबा खड़ग सिंह मार्ग, मिंटो रोड,महाराजा रणजीत सिंह फ्लाईओवर, कनॉट सर्कस, भवभूति मार्ग, डीडीयू मार्ग और चमन लाल मार्ग प्रभावित होने की संभावना है. 

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13 फरवरी से विरोध कर रहे हैं किसान

गौरलब है कि 13 फरवरी को किसान दिल्ली के बॉर्डर पर पहुंचे थे और दिल्ली में प्रवेश कर शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने की अनुमति मांगी थी. पर उन्हें अनुमति नहीं मिली थी.इसके बाद से किसान सीमा पर प्रदर्शन कर रहे थे. इस दौरान सुरक्षाकर्मियों के साथ उनकी झड़प भी हुई थी. किसानों को दिल्ली में प्रवेश करने से रोकने के लिए सड़कों पर बैरिकेडिंग की गई थी. कील बिछाए गए थे. इस बीच किसानों और सरकार के बीच बातचीत भी हुई पर बातचीत का कोई परिणाम नहीं निकला. इस बीच किसानों ने कहा था कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं हो जाती हैं वो वापस अपने घर नहीं लौटेंगे.