
चीन के हांगजोऊ में आयोजित 19वें एशियन गेम्स में इस बार भारतीय खिलाड़ियों का दबदबा दिख रहा है. भारत की झोली में लगातार कई मेडल्स आ रहे हैं. इस खेल में देश को एक किसान के बेटे ने भी स्वर्ण पदक दिलाया है. मध्यप्रदेश के खरगोन के ऐश्वर्य प्रताप सिंह ने यह सफलता हासिल की है. सोमवार को उन्होंने 10 मीटर एयर राइफल प्रतिस्पर्द्धा में यह उपलब्धि हासिल की है. उन्होंने टीम इवेंट में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए गोल्ड मेडल अपने नाम किया और भारत का गौरव बढ़ाया. सबसे बड़ी बात यह है कि ऐश्वर्य प्रताप सिंह एक किसान के बेटे हैं.
खरगोन जिला मुख्यालय से करीब 70 किलोमीटर दूर झिरन्या तहसील के छोटे से गांव रतनपुर में रहने वाले ऐश्वर्य प्रताप सिंह ने सोमवार को 19वें एशियन गेम्स (Asian Games) के दूसरे दिन शूटिंग में गोल्ड मेडल दिलाया. चीन के हांगजोऊ में 10 मीटर एयर राइफल टीम इवेंट में ऐश्वर्य प्रताप सिंह, दिव्यांश सिंह और रुद्राक्ष पाटिल के हुनर से देश की झोली में पहला गोल्ड मेडल आया. तीनों प्रतिभावान खिलाड़ियों ने 1893.7 स्कोर हासिल करके वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है. इससे पहले यह रिकॉर्ड चीन के नाम था. ऐश्वर्य प्रताप की इस सफलता के बाद उनके गांव और परिवार में खुशी का माहौल है.
ये भी पढ़ेंः गेहूं की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए FCI की पहल, ई-नीलामी में बढ़ा सकती है गेहूं की मात्रा
अब गोल्ड मेडल जीतने वाले किसान पुत्र ऐश्वर्य प्रताप सिंह तोमर का सपना है कि वे 2024 में होने वाले ओलिंपिक गेम्स में भारत के लिए गोल्ड मेडल जीत कर लाएं. इससे पहले ऐश्वर्य 13 इंटरनेशनल और नेशनल लेवल पर 42 मेडल जीत चुके हैं. 'India Today' से फोन पर बात करते हुए ऐश्वर्य प्रताप सिंह ने कहा कि वे चाहते हैं कि अपने खेल के माध्यम से अपने गांव को और जिले को अंतराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाएं.
किसान परिवार के ऐश्वर्य ने खरगोन के एक निजी विद्यालय में पढ़ाई की है. बचपन से खिलौनों में पिस्टल और राइफल पसंद करने वाले प्रतिभावान खिलाड़ी ऐश्वर्य ने शूटिंग को ही अपना उद्देश्य बनाया. 13 इंटरनेशनल और 42 नेशनल स्तर पर मेडल जीतने वाले ऐश्वर्य का सपना है देश की रैंकिंग में वे टॉप पर तो हैं, पर वर्ल्ड रैंकिंग में भी टॉप पर रहें. उनका सपना है कि दुनिया के नक्शे पर अपने छोटे से गांव रतनपुर और खरगोन जिले की अलग पहचान हो. वर्ष 2024 में होने वाले ओलिंपिक गेम्स में देश के लिए गोल्ड मेडल लाना उनका उद्देश्य है.
ये भी पढ़ेंः Jharkhand KCC Scheme: झारखंड के किसानों के लिए खुशखबरी, अब केसीसी के लोन का ब्याज भरेगी सरकार!
ऐश्वर्य के पिता वीर बहादुर सिंह ने बताया कि बचपन में शिव बाबा मेले के दौरान जब भी वो ऐश्वर्य को अपने साथ मेला ले जाते थे, तब ऐश्वर्य हमेशा सिर्फ गुब्बारों पर निशाना लगाने वाला खेल खेलते थे. हर बार मेलों में उनके निशाना लगाने के रुझान को देखकर खिलौने में भी उनके लिए छर्रे वाली बंदूक लाकर दी थी. इसके बाद अपने चचेरे भाई से मार्गदर्शन मिलने के बाद ऐश्वर्य ने शूटिंग को चुना और अब बड़ी कामयाबी हासिल की है.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today