देश के फलों सहित आम के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं. एक्सपोर्ट के लिए समु्द्री मार्ग पर अधिक फोकस किया जा रहा है. इस योजना के तहत इस बार गर्मियों के दौरान समुद्री मार्ग से ब्रिटेन, रूस और जापान में आम की खेप भेजने की तैयारी चल रही है. समुद्री मार्ग से अमेरिका तक फल एक्सपोर्ट करने का ट्रायल रन चल रहा है. इसके तहत दूर के बाजारों में भी ताजा उपज का निर्यात किया जा सकता है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इसके लिए सरकार समुद्री प्रोटोकॉल बनाने पर काम कर रही है.
'बिजनेसलाइन' की एक रिपोर्ट के मुताबिक, वाणिज्य मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि वाणिज्य विभाग के तहत कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण ने नीदरलैंड तक सफलतापूर्वक केले और मूगंफली को भेजा है. इसके अलावा विश्व के अन्य बाजारों में भी संतरे, केले और अमेरिक के बाजार में अनार जैसी वस्तुओं के लिए समुद्री प्रोटोकॉल तैयार करने पर काम किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि जहाज से खेप भेजना हवाई मार्ग से भेजने की तुलना में बहुत सस्ता है क्योंकि हवाई रूट से निर्यात की लागत बढ़ जाती है. इसलिए व्यापारी विदेश के बाजारों में सस्ते दामों में अपने उत्पाद नहीं बेच पाते हैं.
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अधिकारी ने कहा कि समुद्री मार्ग से निर्यात करने का एक और फायदा यह होता है कि इसके जरिए हम अधिक मात्रा में उत्पाद भेज सकते हैं. जबकि हवाई मार्ग से एक्सपोर्ट करने की अपनी एक सीमा होती है. समुद्री रूट से निर्यात एक्सपोर्टर को उन बाजारों के साथ जुड़ने में मदद करता है जहां किसी विशेष उत्पाद की पर्याप्त मांग होती है. इसलिए समुद्र के रास्ते निर्यात बड़े बाजारों के लिए लॉन्ग टर्म मांग विकसित करने में मदद करता है जिससे कीमतों में स्थिरता आती है और मांग की निश्चितता होती है.
वाणिज्य विभाग के अधिकारी ने कहा कि देखा जाए तो फिलहाल भारत, अ्मेरिका को हवाई मार्ग के जरिए आम एक्सपोर्ट करता है. इससे 30-40 मिलियन डॉलर तक का व्यापार होता है. पर अमेरिका में आम की खपत को देखते हुए निर्यात की यह मात्रा बिल्कुल कम है क्योंकि यहां पर आम का बाजार एक बिलियन डॉलर से भी अधिक है. भारत फिलहाल अमेरिका को ताजी सब्जियां और फलों का निर्यात करता है जो 2023-24 के फरवरी से लेकर अप्रैल महीने तक 13.9 फीसदी बढ़ा है. निर्यात बढ़कर 3.65 बिलियन डॉलर हो गया है. निर्यात के लिए समुद्री मार्ग का इस्तेमाल करने पर इसमें और तेजी आने की उम्मीद है.
एपीडा समुद्री मार्ग के जरिए आम के निर्यात के लिए आईसीएआर-सीआईएसएच लखनऊ के साथ मिलकर समुद्री प्रोटोकॉल तैयार कर रहा है. इसके लिए दक्षिण भारत के बंगमपल्ली आम का ट्रायल शिपमेंट यूके और रूस के लिए मई ओर जून के महीने में भेजा जाएगा. इसके अलाव पश्चिम भारत का केसर आम मई के महीने में जापान भेजा जाएगा और उत्तर भारत का दशहरी और चौसा आम जून के महीने में रूस भेजा जाएगा. इसके अलावा मई और जून के महीने में बंगमपल्ली और चौसा आम को अमेरिका भेजने के लिए तैयारी की जा रही है.
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इसके अलावा एपीडा ने केले के निर्यात को लेकर भी दो ट्रायल किया था. पहला रोटरडम भेजा गया था जो सफल रहा, जबकि दूसरा रूस भेजा गया था जो असफल रहा. वाणिज्य विभाग के अधिकारी ने कहा कि फिलहाल हम केले के शिपमेंट को लेकर कोई नए ट्रायल की तैयारी नहीं कर रहे हैं. हालांकि मई में एक खेप रूस भेजी जाएगी. इसके अलाव खाड़ी देशों में संतरे की सप्लाई करने के लिए भी समुद्री प्रोटोकॉल तैयार किए जा रहे हैं. इसके साथ ही उत्तर पर्वी भारत से अदरक को यूके भेजने की तैयारी है जबकि यहां से खाड़ी देशों में अनानास भेजने की तैयारी चल रही है.
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