खतरनाक प्रदूषण की चपेट में मुंबई, एहतियात के लिए इन 15 उपायों का हुआ ऐलान

खतरनाक प्रदूषण की चपेट में मुंबई, एहतियात के लिए इन 15 उपायों का हुआ ऐलान

देश की आर्थिक राजधानी मुंबई लगातार प्रदूषण की चपेट में आती जा रही है. मुंबई के एयर क्वालिटी इंडेक्स को देखते हुए बीएमसी द्वारा दिशा निर्देश जारी किए गए हैं, जिससे प्रदूषण पर काबू पाया जा सके. आइए जानते हैं क्या हैं वो 15 निर्देश.

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खतरनाक प्रदूषण की चपेट में मुंबई, एहतियात के लिए इन 15 उपायों का हुआ ऐलानखतरनाक प्रदूषण की चपेट में मुंबई

देश की आर्थिक राजधानी मुंबई लगातार प्रदूषण की चपेट में आती जा रही है. मुंबई में पिछले कुछ दिनों में एयर क्वालिटी इंडेक्स यानी AQI काफी खराब हुआ है. मुंबई की हवा यहां के लोगों के लिए जहर बनती जा रही है. मुंबई में खराब हवा अब यहां के लोगों के लिए खतरा बन गई है. वहीं बीएमसी और प्रशासन के लिए चिंता का कारण. मुंबई में बिगड़ी हवा का जिम्मेदार मुंबई में लगातार हो रहे निर्माण कार्यों को भी माना जा रहा है. पर्यावरणविद मानते हैं कि मुंबई में हो रहे निर्माण कार्य के समय धूल मिट्टी अधिक होती है, मगर कोई भी पानी का इस्तेमाल नहीं करता है. इस इस वजह से धूल मिट्टी पर्यावरण में घुल जाती है और पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंचता है.  
 
मुंबई के एयर क्वालिटी इंडेक्स को देखते हुए बीएमसी द्वारा दिशा निर्देश जारी किए गए हैं, जिससे प्रदूषण पर काबू पाया जा सके. 

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  1. सभी परियोजनाओं को यह सुनिश्चित करना होगा कि 70 मीटर से अधिक ऊंचाई वाली निर्माण परियोजनाओं के आसपास कम से कम 35 फीट ऊंची टिन/धातु की चादर खड़ी की जाए.
  2. एक एकड़ से अधिक क्षेत्रफल वाले सभी निर्माण लेआउट में निर्माण परियोजना स्थलों के आसपास कम से कम 35 फीट ऊंचाई की टिन/धातु की शीट लगाई जाएगी और 01 एकड़ से कम क्षेत्रफल वाले निर्माण स्थलों के लिए टिन/धातु की शीट लगाई जाएगी. ऊंचाई कम से कम 25 फीट होनी चाहिए.
  3. निर्माणाधीन सभी भवनों को चारों ओर से हरे कपड़े/जूट शीट/तिरपाल से अनिवार्य रूप से घेरा जाएगा.
  4. ध्वस्तीकरण के तहत सभी संरचनाओं को ऊपर से नीचे तक तिरपाल/हरे कपड़े/जूट की चादर से ढका जाएगा.  
  5. किसी भी स्ट्रक्चर को ध्वस्त करने की प्रक्रिया के दौरान यह सुनिश्चित किया जाएगा कि निर्माण स्थलों पर सामानों की लोडिंग और अनलोडिंग (स्थिर/मोबाइल एंटी-स्मॉग गन का उपयोग) के दौरान वाटर फॉगिंग की जाएगी.
  6. पानी का छिड़काव मलबे/मिट्टी सामान आदि पर किया जाएगा, जिससे सभी निर्माण स्थलों पर वायु जनित कण होने की संभावना होती है.
  7. निर्माण सामग्री ले जाने वाले सभी वाहन पूरी तरह से ढंके होंगे (अर्थात ऊपर से और सभी तरफ से) ताकि निर्माण के सामान या मलबा परिवहन के दौरान हवा में न उड़े और वाहन से किसी भी तरह के रिसाव से बचने के लिए वाहन को ओवरलोड नहीं किया जाएगा.
  8. सभी निर्माण स्थलों को अपने कार्य स्थलों के आसपास सीसीटीवी कैमरे लगाने होंगे, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वाहन टायरों की सफाई के बाद चल रहे हैं और ओवरलोड नहीं हो रहे हैं.
  9. सभी निर्माण स्थलों और कार्य स्थलों पर सेंसर आधारित वायु प्रदूषण मॉनिटर तैनात करें. वहीं सीमा से अधिक प्रदूषण स्तर पाए जाने पर तुरंत कार्रवाई की जाए. बीएमसी अधिकारियों से मांग की गई है कि निरीक्षण के लिए निगरानी उपलब्ध कराई जाए.
  10. सभी कार्यस्थलों पर पीसने, काटने, ड्रिलिंग, काटने आदि की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी. ट्रिमिंग का काम बंद कमरे में किया जाएगा और काम के दौरान हवा को बाहर निकलने से रोकने के लिए लगातार पानी का छिड़काव किया जाएगा. कार्य स्थल के भीतर उत्पन्न कचरे को निर्धारित स्थान पर ले जाया जाएगा. 
  11. अनलोडिंग साइट सख्ती से बीएमसी, एस सी एंड डी अपशिष्ट प्रबंधन योजना के अनुसार होगा. मलबा उतारने के बाद वाहन को अच्छी तरह से धोया और साफ किया जाएगा.
  12.  सामान ले जाने वाले सभी वाहनों के पास वैध पीयूसी प्रमाणपत्र होना चाहिए. वहीं अधिकारियों द्वारा मांगे जाने पर इसे प्रस्तुत किया जाना चाहिए.
  13. निर्माण कर्मियों/प्रबंधकों को अनिवार्य रूप से व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण जैसे मास्क, चश्मा, हेलमेट आदि पहनना होगा.
  14. सभी बीएमसी कार्यस्थलों जैसे पुल और फ्लाईओवर पर 25 फीट की बैरिकेडिंग होगी.
  15. जमीन के ऊपर सभी मेट्रो कार्यों को 25 फीट की बैरिकेडिंग से कवर किया जाएगा. वहीं निर्माण स्थल को तिरपाल/हरे कपड़े/जूट से ढका जायेगा.
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