महाराष्ट्र में बेमौसम बारिश ने खूब तबाही मचाई है. चार दिनों तक हुई इस बारिश के कारण किसानों की फसलों को खूब नुकसान हुआ है. नांदेड़ में जिले में भी बेमौसम बारिश और तेज हवाओं के कारण किसानों की खड़ी फसल बर्बाद हुई है. तूफानी हवाओं के कारण आम, चीकू और केला के साथ साथ हल्दी और ज्वार की फसल प्रभावित हुई है.
इससे किसानों को नुकसान हुआ है. नांदेड़ जिले के अर्धापुर तहसील में पिछले तीन दिनों से लगातार हो रही बारिश के कारण किसानों को यह नुकसान हुआ है. खास कर सब्जी और बागवानी करने वाले किसानों को इससे बहुत प्रभावित हुए हैं.
आर्धापुर तहसील में इस तरह की यह पहली बारिश नहीं है. पिछले एक महीने के दौरान जिले में तीन बार किसानों को इस तरह की बारिश का सामना करना पड़ा है जब लगातार तीन दिनों तक बारिश हुई है. इस बारिश ने बलिराजा के किसानों की कमर तोड़ दी है.
तेज हवाओं के साथ हुई बारिश ने हल्दी, ज्वार सहित बगीचों को भारी नुकसान पहुंचाया है. केले और ज्वार निचे गिर गए हैं, जबकि बारिश ने भारी तबाही मचाई है.लगातार हो रही बारिश के कारण हल्दी में फफूंद लग गई है इसके कारण हल्दी की फसल को नुकसान हुआ है.
किसानों को हुए फसल नुकसान को देखते हुए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने हदगांव में हुई सभा में राज्य भर में बेमौसम बारिश का पंचनामा करने के आदेश दिए हैं, हालांकि फिलहाल किसानों को मुआवजा मिलने में देरी हो सकती है क्योंकि सभी प्रशासनिक अधिकारी फिलहाल लोकसभा चुनाव को लेकर व्यस्त हैं, इसलिए अभी तक कोई भी अधिकारी और कर्मचारी फसल नुकसान का जायजा लेने के लिए किसानों तक नहीं पहुंचा है.
जबकि किसानों की ओर से मुआवजे की मांग की जा रही है. आर्धापुर के अलावा जिले के कई इलाकों में भी जोरदार बारिश हुई है. नीमगांव, खैरगांव, कारवाड़ी, पारडी आदि गांवों में ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान हुआ है. किसानों ने क्षतिग्रस्त फसलों का शीघ्र पंचनामा कर मुआवजा देने की मांग है.
गौरतलब है कि राज्य के कई जिलों में बेमौसम बारिश से नुकसान हुआ है. विदर्भें जिले में सबसे अधिक साढ़े सात हजार हेक्टेयर क्षेत्र में लगी फसल को नुकसान हुआ है. मिली जानकारी के अनुसार सिर्फ जलगांव जिले में ही इस बेमौसम बारिश के कारण 4000 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में फसलों को नुकसान हुआ है.
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