पंजाब में पंजाब सतर्कता ब्यूरो ने एक चीनी मिल में कथित अनियमितताओं को लेकर शनिवार को शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के नेता और मार्कफेड सहकारी महासंघ के पूर्व अध्यक्ष जरनैल सिंह वाहिद को हिरासत में ले लिया. हिरासत में लेने के बाद अधिकारियों ने यह जानकारी दी कि जरनैल सिंह वाहिद सिंह पर आरोप है कि चीनी मिल में अनियमितताओं के चलते राजस्व का नुकसान हुआ.
सतर्कता ब्यूरो ने मार्कफेड सहकारी महासंघ के पूर्व अध्यक्ष जरनैल सिंह वाहिद के साथ ही उनकी पत्नी रूपिंदर कौर और उनके बेटे संदीप सिंह वाहिद को भी गिरफ्तार किया. दोनों वाहिद संधार चीनी मिल लिमिटेड के निदेशक थे. अधिकारियों ने कहा कि जरनैल सिंह मिल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक थे, जिस पर उत्पादकों का लगभग 40 करोड़ रुपये बकाया है.
ब्यूरो के एक प्रवक्ता ने कहा कि उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. विभाग के प्रवक्ता ने कहा कि मिल पिछले चार वर्षों से गन्ना किसानों के बकाए का भुगतान करने में विफल रही और उस पर लगभग 40 करोड़ रुपये का कर्ज हो गया है.
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प्रवक्ता ने कहा कि किसानों की बार-बार मांग के बावजूद मिल ने वित्तीय दायित्वों को पूरा नहीं किया. भारती किसान यूनियन (दोआबा) के सदस्य पिछले चार दिन से चीनी मिल के खिलाफ धरना दे रहे थे. जिसके बाद किसानों ने मिल पर ताला लगा दिया और सभी बकाए के भुगतान की मांग की. गिरफ्तारी के बाद शनिवार को उन्होंने अपना धरना समाप्त कर दिया.
पंजाब के कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुदियां ने बृहस्पतिवार को बीकेयू (दोआबा) के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर कपूरथला के उपायुक्त को चीनी मिल के दिवालिया हो चुके मालिकों की संपत्तियों को कुर्क करने की प्रक्रिया तेज करने का निर्देश दिया. उन्होंने कपूरथला जिले के अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने को भी कहा कि गन्ना किसानों के सभी लंबित बकाए का भुगतान समयबद्ध तरीके से किया जाए.
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