भारत माला प्रोजेक्ट के तहत एक्वायर की गई जमीनों के मुआवजे को लेकर काफी दिनों से धरना दे रहे किसानों पर लाठीचार्ज के बाद दोबारा फिर से पंजाब का माहौल गर्माना शुरू हो गया है. किसानों ने लाठीचार्ज के विरोध में गुरुवार दोपहर को एक बजे पूरे पंजाब में रेलवे ट्रैक जाम करने का फैसला लिया. साथ ही किसानों का जत्था जालंधर कैंट के रेलवे स्टेशन पर पहुंचकर नारेबाजी करते हुए नजर आया. किसानों ने जालंधर कैंट रेलवे स्टेशन पर पहुंचकर रेल ट्रैक मुकम्मल तौर पर बंद कर दिया. इसको लेकर किसानों का कहना है कि उस समय सरकार ने दिल्ली कटरा एक्सप्रेस हाईवे के लिए कहा था कि किसानों की जमीन लेने से पहले सरकार उनकी कीमत अदा करेगी. लेकिन ऐसा नहीं हुआ और किसानों के साथ धोखा हुआ. आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला.
किसान मजदूर संघर्ष समिति (केएमसी) के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने गुरुवार को भारतमाला प्रोजेक्ट के लिए अधिग्रहित भूमि के अपर्याप्त मुआवजे को लेकर अमृतसर के देवीदासपुरा गांव में रेलवे ट्रैक पर धरना दिया और रेल यातायात बाधित कर दिया. रेलवे अधिकारियों ने कहा कि किसानों के विरोध के मद्देनजर दोपहर 12.30 बजे के बाद अमृतसर और दिल्ली के बीच चलने वाली ट्रेनें प्रभावित रहीं. उन्होंने कहा कि इस विशेष खंड पर सभी ट्रेनों को डायवर्ट किया जा रहा है.
किसान मजदूर संघर्ष समिति के नेता सरवन सिंह ने पुलिस और किसानों के बीच तनाव के बाद पूरे पंजाब में ट्रेनों को जाम करने का ऐलान किया. उन्होंने कहा कि किसानों को उचित मुआवजा देने के बाद ही प्रशासन जमीनों पर कब्जा करेगा जबकि पंजाब सरकार और प्रशासन किसानों को उनके वादे के खिलाफ जबरन कब्जा कर रहे हैं.
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भूमि अधिग्रहण को लेकर सरकार ने कहा था कि जमीन की कीमत उन्हें अगस्त में मिलेगी. वहीं किसानों ने कहा कि जब सरकार से जमीन अधिग्रहण की बात हो चुकी थी तो पहले ही जमीन पर कब्जा क्यों करने की कोशिश की गई. जब किसानों ने इसके लिए मना किया तो सरकार ने किसानों पर लाठीचार्ज किया जिसमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे. इसलिए गुरुवार को उन्होंने रेल यातायात को बाधित किया. यह यातायात तब तक बाधित रहेगा जब तक सरकार उनकी मांगें मान नहीं लेती है.
वहीं इस मौके पर किसानों से बातचीत करने पहुंचे SDO गुरदासपुर अमनजीत कौर ने कहा के जिन किसानों ने सरकार से अपनी जमीन के बदले पैसे ले लिए हैं, वे सरकार को अपनी जमीन देने के लिए तैयार हैं, पर किसान यूनियन की और से बिना वजह विवाद किया जा रहा है. यही वजह है कि जमीन अधिग्रहण का मुद्दा लगातार जोर पकड़ रहा है.
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