किसी गांव तो क्या अगर आम इंसान को किसी शहर और दूसरे राज्य जाना होता है तो वो अपने प्लान के मुताबिक आता-जाता है. ऐसा तो कभी नहीं सुना कि अगर आप कहीं जा रहे हैं तो पहले पुलिस को बताना होगा. लेकिन देश में एक गांव ऐसा भी है जहां जाने से पहले पुलिस को सूचना देनी होती है. ये हम नहीं खुद यूपी पुलिस कह रही है. इस खास गांव से पहले पुलिस ने जगह-जगह चेतावनी भरे बोर्ड भी लगवाए हैं. बोर्ड पर पुलिस की ओर से साफ-साफ लिखा गया है कि अगर आप इस गांव में जा रहे हैं तो पहले हमे बताकर जाएं.
अगर पुलिस को सूचना नहीं दे सकते हैं तो उसके आसपास के गांव में लोगों को बताकर जाएं. ये बोर्ड थाना बरसाना, मथुरा पुलिस की ओर से लगवाए गए हैं. ये आम चेतावनी सिर्फ आम लोगों के लिए ही नहीं है, दूसरे राज्यों से इस गांव में आने वाली पुलिस के लिए भी ये चेतावनी वाले बोर्ड लगवाए गए हैं.
हाल ही में इस गांव के टटलू गैंग ने महाराष्ट्र के एक कारोबारी और मध्य प्रदेश के एक किसान को ठगा है. ट्रैक्टर और खेती में काम आने वाली दूसरी सस्ती मशीन का लालच देकर किसान को मथुरा बुला लिया गया. और फिर उसके बाद किसान के पास मौजूद रुपये लूट लिए गए. किसान को बंधक बनाकर उसके घर वालों से फिरौती भी वसूली गई है. टटलू गैंग इसी तरह से देशभर में लोगों को ठगी का शिकार बनाता है.
हथिया गांव में दूसरे राज्यों से आने वाली पुलिस इस बात का बड़ा सुबूत है. कभी राजस्थान तो कभी हरियाणा, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, पंजाब, महाराष्ट्र आदि राज्यों और यूपी के दूसरे जिलों की पुलिस यहां दबिश देने के लिए आती रहती है. हरियाणा, राजस्थान और यूपी के दूसरे जिलों की पुलिस के साथ तो इस गांव के लोगों की कई बार आमने-सामने झड़प भी हो चुकी है.
पीतल को सोने की ईंट बताकर बेचने और रुपये दोगुने करने वाले इस गैंग को टटलू कहा जाता है. दूसरे जिलों और राज्यों में जाकर टटलू ये प्रचारित करते हैं कि हमारे गांव में सोने की कई ईंट निकली हैं. पुलिस के डर से बचने को हम इन्हें बेचने निकले हैं. सस्ते सोने के चक्कर में लोग इनके झांसे में आ जाते हैं. अगर कोई इनकी ईंट को पहले चेक करना चाहे तो ये पहले एक छोटा सा शुद्ध सोने का टुकड़ा दे देते हैं. जांच में वो खालिश सोना निकलता है. इसके बाद ईंट का सौदा हो जाता है. सौदा पक्का होने पर टटलू पीतल की ईंट बेच जाते हैं. हालांकि इस तरीके पर अब टटलूओं ने काम करना बंद कर दिया है. कुछ वक्त पहले तक पशुओं और वाहनों की फिरौती भी वसूलते थे.
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टटलूओं ने ठगी का ये नया तरीका निकाला है. टटलू एक बेवसाइट बनवाते हैं. बेवसाइट पर सस्ता लोहा और सोना बेचने की बात कहते हैं. बेवसाइट पर सोने और लोहे के रेट ऐसे बताए जाते हैं कि 400-500 किमी दूर बैठा व्यापारी लालच में फंस जाता है. व्यापारी तुरंत ही फोन पर संपर्क करता है. साल 2018 में चैन्नई का एक व्यापारी ऐसे ही फंसा था.
टटलूओं ने उसे बुला लिया था. उसके बाद भरतपुर के गोदाम में लोहा होने की बात कहकर उसे भरतपुर ले जाने लगे. लेकिन उससे पहले ही उसे गांव के अंदर ले जाकर बंधक बना लिया. उससे चैन्नई फोन करवा कर 90 लाख रुपये की फिरौती मंगाने को कहा गया. कई दिन की मशक्कत के बाद फिरौती की रकम 30 लाख तय होने और बैंक खाते में आने के बाद उसे छोड़ा गया था.
टटलूओं की ठगी पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही है. टटलूओं से जुड़ी बहुत कम घटनाएं ऐसी हैं जिसमें पुलिस की कार्रवाई हो पाती है. टटलूओ के कई जानकार बताते हैं कि पुलिस कार्रवाई न होने के पीछे एक बड़ी वजह ये है कि टटलू पुलिस से सीधी टक्कर लेते हैं. अगर मथुरा के हाथिया गांव में वर्ष 2013 में हुई एक घटना पर निगाह डालें तो पुलिस की आगरा, यूपी स्वॉट टीम ने गांव में छापा मारा था.
पुलिस की कार्रवाई के जवाब में टटलूओं ने भी हमला बोल दिया. इस हमले में स्वॉट टीम का एक जवान सतीश मौके पर ही मारा गया. इतना ही नहीं राजस्थान, हरियाणा और महाराष्ट्र की पुलिस भी मथुरा के इस गांव में टटलूओं के हाथों पिट चुकी है.
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