
राज्य की राजधानी पटना के ज्ञान भवन में शनिवार को बिहार के लोगों के लिए आम महोत्सव का आयोजन किया गया. ज्ञान भवन में लगे फलों के राजा आम के अलग-अलग क़िस्मों की खुशबू से पूरा परिसर सुगंधित हो उठा. बिहार सरकार के कृषि विभाग द्वारा आम के प्रति किसानों को जागरूक करने के साथ उनके बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ाने और फलों के भंडारण प्रसंस्करण, बाजार आदि से संबंधित नई-नई तकनीक की जानकारी पहुंचाने के उद्देश्य से आम महोत्सव के साथ प्रतियोगिता 2023 का आयोजन किया गया. 17 से 18 जून तक चलने वाले दो दिवसीय कार्यक्रम का कृषि विभाग के सचिव संजय अग्रवाल ने शनिवार को शुभारंभ किया. इस महोत्सव में राज्य के विभिन्न जिलों के सैकड़ों किसानों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई.
राज्य में कुल 3.54 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में फलों की खेती की जाती है. इसका उत्पादन क्षेत्र 45.09 लाख मीट्रिक टन है, जिसमें आम, केला, लीची, पपीता प्रमुख हैं. फलों में आम का 1.60 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में 15.50 लाख टन का उत्पादन होता है.
कृषि विभाग के सचिव संजय अग्रवाल ने कहा कि यह आम महोत्सव काफी अद्भुत है. आम के उत्पादों को बढ़ावा देना हमारे लिए चुनौती है. इसके लिए आम के भंडारण पर काम करना है, ताकि दो से तीन महीने बाद तक इसका उपयोग किया जा सके. इसका पैकिंग कर हम कुरियर के माध्यम से चेन्नई, हैदराबाद, मुंबई आदि शहरों में पहुंचाया जा सकता है. पुराने बगीचों को संरक्षित करने की जरूरत है. इसी कड़ी में बाग बचाओ अभियान चलाया जा रहा है. पौधा से लेकर इसके उत्पाद तक पर विपणन, परिवहन, भंडारण और प्रसंस्करण पर एक साथ काम करना होगा. तभी इस तरह के महोत्सव की सार्थकता होगी.
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आम महोत्सव में राज्य के विभिन्न जिलों के 605 आम किसानों और उद्यमियों द्वारा आम और इसके प्रसंस्कृत उत्पाद के 3,000 प्रोडक्ट का प्रदर्शन किया गया. इस महोत्सव में आम की मध्यावधि किस्में मालदह, दशहरी, कृष्णभोग, भरतभोग, हुस्न-ए-आरा, लाल आम, फजली, सुकुल, सीपिया, चौसा सहित करीब 250 से अधिक वेरायटी की प्रदर्शनी लगाई गई. वहीं कुछ विशिष्ट संकर किस्में और बीजू आम की प्रदर्शनी लगाई गई. साथ ही भागलपुर का जर्दालू आम, पश्चिमी चंपारण का जर्दा, कृष्णा भोग मधुबनी, कलकतिया दरभंगा, बंबईया सीतामढ़ी, गुलाब खास सुपौल, मालदह मधेपुरा एवं कटिहार, दीघा मालदह पटना जैसी किस्में भी प्रदर्शनी में लगाई गईं.
इसके अलावा प्रदर्शनी में आम के अलग-अलग उत्पादों में कच्चा आम स्क्वैश, आम का पन्ना, जेली, जैम, पका आम का स्क्वैश, चटनी, अमावट, अचार, लड्डू ,मुरब्बा आदि को प्रदर्शित किया गया.
मैंगों मैन से मशहूर और बिहार आम उत्पादक संघ के अध्यक्ष अशोक कुमार चौधरी कहते हैं कि इस तरह के आयोजन से किसानों के बीच आम की खेती को लेकर रुचि बढ़ेगी. अगर आम के अधिक से अधिक बागान लगाए जाएं तो यह कृषि अर्थव्यवस्था के साथ राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है. आज बिहार के आम की मांग विदेशों में काफी बढ़ी है. राज्य के प्रमुख फल आम, लीची और केला बागवानी के फल सेक्टर को मजबूती दे रहाे हैं. वहीं पटना के रहने वाले रवि कुमार सिंह कहते हैं कि इस तरह के आयोजन होने से आम के अलग-अलग किस्मों को देखने का मौका मिल रहा है.
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आम महोत्सव सह प्रतियोगिता कार्यक्रम के तहत बच्चों के मनोरंजन के लिए ”आम खाओ प्रतियोगिता“, ”आम फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता“ का आयोजन किया गया .वहीं कलाकारों के लिए ”आम नक्काशी प्रतियोगिता“ का भी आयोजन किया गया है. इस प्रतियोगिता के आठ वर्गों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले 33 किसानों को प्रथम, 33 किसानों को द्वितीय और 29 किसानों को तृतीय पुरस्कार के रूप में क्रमशः 5,000 रुपये, 4,000 रुपये और 3,000 रुपये के साथ प्रशस्ति-पत्र दिया जाएगा. इसके साथ ही, राज्य के एक किसान को सभी वर्गों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने पर 10,000 रुपये की विशिष्ट पुरस्कार राशि और आम शिरोमणि की उपाधि 18 जून को जी जाएगी.
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