लोकसभा चुनाव से पहले ही केंद्र में ओबीसी वर्ग में आरक्षण की मांग को लेकर राजस्थान के भरतपुर और धौलपुर के जाटों ने आज से मुंबई-दिल्ली रेल मार्ग पर करीब 300 मीटर की दूरी पर धरना शुरू कर दिया है. जहां से जल्द ही सभी रेल मार्गों और सड़कों को अवरुद्ध करने की चेतावनी जारी की गई है. यह महापड़ाव जयचोली गांव में शुरू किया गया है. जहां आंदोलनकारियों के लिए खाने-पीने और ठंड से बचने की व्यवस्था की गई है. जाट आंदोलन को देखते हुए मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है. इसके अलावा मुंबई-दिल्ली रेल मार्ग पर रेलवे पुलिस बल तैनात किया गया है.
भरतपुर धौलपुर जाट आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक नेम सिंह फौजदार ने कहा कि भरतपुर और धौलपुर जिले के जाटों के लिए केंद्र में आरक्षण की मांग बहुत पुरानी है. महापड़ाव आज से शुरू हो गया है लेकिन समाज कभी भी रेल मार्ग और राष्ट्रीय राजमार्ग जाम करने का निर्णय ले सकता है. अभी हमारा आंदोलन शांतिपूर्वक चल रहा है लेकिन अगर सरकार ने बात नहीं मानी तो कुछ भी हो सकता है.
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आरक्षण की यह मांग 1998 से की जा रही है. 2013 में केंद्र के मनमोहन सरकार ने भरतपुर धौलपुर जिलों के साथ 9 राज्यों के जाटों को आरक्षण दिया था . लेकिन जब 2014 में केंद्र में भाजपा की सरकार बनी तो सुप्रीम कोर्ट का सहारा लेकर 10 अगस्त 2015 को भरतपुर धौलपुर के जाटों का केंद्र और राज्य में ओबीसी आरक्षण खत्म कर दिया गया था. लंबी लड़ाई लड़ने के बाद 23 अगस्त 2017 को राज्य में दोनों जिलों के जाटों को ओबीसी में आरक्षण दिया गया. लेकिन केंद्र में ओबीसी आरक्षण की मांग हमारी तभी से जारी है .
सितंबर 2021 को जब जाटों ने चक्का जाम का ऐलान किया था तब पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 28 दिसंबर 2021 को दोनों जिलों के जाटों को केंद्र की ओबीसी में आरक्षण देने के लिए केंद्र सरकार को सिफारिश पत्र लिखा था. उसके बाद हम लोग दिल्ली ओबीसी कमिशन से भी मिले और केंद्र सरकार के मंत्री से भी मुलाकात की थी. लेकिन अभी तक दोनों जिलों के जाटों को केंद्र में आरक्षण नहीं दिया गया है .
दरअसल राजस्थान के सभी जिलों के जाटों को केंद्र में ओबीसी आरक्षण प्राप्त है. लेकिन भरतपुर और धौलपुर के जाटों को आरक्षण नहीं मिला है. इसलिए यहां के जाट आरक्षण की मांग कर रहे है. (सुरेश फौजदा की रिपोर्ट)
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