Meat Production: 2022-23 में 5 लाख टन बढ़ा मीट प्रोडक्शन, यूपी पहले नंबर पर, पढ़े डिटेल 

Meat Production: 2022-23 में 5 लाख टन बढ़ा मीट प्रोडक्शन, यूपी पहले नंबर पर, पढ़े डिटेल 

केंद्रीय मत्स्य, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री परषोत्तम रूपाला का कहना है कि बीते पांच साल में मीट प्रोडक्शन में 20.39 फीसद की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. अगर सिर्फ बीते साल की ही बात करें तो उसके मुकाबले 5.13 फीसद मीट प्रोडक्शन बढ़ा है. जबकि साल 2021-22 में मीट प्रोडक्शन बढ़ने का रेट 5.62 फीसद था. 

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Meat Production: 2022-23 में 5 लाख टन बढ़ा मीट प्रोडक्शन, यूपी पहले नंबर पर, पढ़े डिटेल Slaughter of cow and its progeny is banned in most states. Also, consumption of its meat is largely prohibited. (Representational Image)

एक बार फिर देश में सालाना मीट प्रोडक्शन में बढ़ोतरी हुई है. साल 2022-23 में करीब पांच लाख टन मीट प्रोडक्शन बढ़ा है. नेशनल मिल्क डे के मौके पर ये जानकारी केंद्रीय मत्स्य, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय की एक रिपोर्ट से सामने आई है. साल 2021-22 में भी इतनी ही बढ़ोतरी दर्ज की गई थी. हालांकि अभी मंत्रालय ने मीट प्रोडक्शन से संबंधित रिपोर्ट डिटेल के साथ जारी नहीं की है. लेकिन फिर भी एक्सपर्ट का अनुमान है कि हमेशा की तरह से चिकन की डिमांड ही बढ़ी होगी. सही आंकड़ा तो डिटेल रिपोर्ट से ही सामने आएगा. 

लेकिन मीट प्रोडक्शन के मामले में यूपी ने महाराष्ट्र को पीछे छोड़ते हुए नंबर वन की पोजिशन हासिल की है. गौरतलब रहे कि दुनिया के कई छोटे-बड़े देश भारतीय बुफैलो मीट को खासा पसंद करते हैं. यही वजह है कि बुफैलो मीट का एक्स्पोर्ट भी लगातार बढ़ रहा है. हालांकि कुछ परेशानियों के चलते चिकन का एक्सपोर्ट अभी उस मुकाम पर नहीं पहुंचा है. 

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दूध ही नहीं मीट उत्पाादन में भी यूपी नंबर वन

मंत्रालय से जारी रिपोर्ट में बताया गया है कि देश के कुल मीट उत्पादन में यूपी 12.20 फीसद की हिस्सेदारी के साथ नंबर वन पर आ गया है. जबकि बीते साल 12.14 फीसद था. साल 2021-22 में महाराष्ट्र मीट उत्पादन में पहले नंबर पर था. वहीं इस साल पश्चिम बंगाल 11.93 फीसद के साथ दूसरे, महाराष्ट्र 11.50 फीसद के साथ तीसरे, आंध्र प्रदेश 11.20 फीसद के साथ चौथे और तेलंगाना 11.06 फीसद के साथ मीट उत्पादन में पांचवे नंबर पर है.

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मीट प्रोडक्शन में चिकन की है बड़ी हिस्सेदारी 

पोल्ट्री एक्सपर्ट और पोल्ट्री फेडरेशन ऑफ इंडिया के प्रेसिडेंट रनपाल डाहंडा की मानें तो हर साल कुल मीट प्रोडक्शन में चिकन की हिस्सेदारी ज्यादा होती है. क्योंकि दूसरे सभी मीट के मुकाबले चिकन सस्ता भी होता है और उसमे पोषक तत्व भी ज्यादा हैं. पशुपालन मंत्रालय के आंकड़े के मुताबिक साल 2021-22 में 48 लाख टन चिकन खाया गया था. हर साल चिकन की डिमांड में आठ से दस फीसद तक की बढ़ोतरी हो रही है. ब्रॉयलर मीट में अमेरिका और चीन के बाद भारत का स्थान चौथा है. उम्मीद है जल्द ही चिकन एक्सपोर्ट में भी भारत एक अच्छा मुकाम हासिल करेगा.  

 

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