Cow: गाय को हर रोज मिलते हैं बस 25 रुपये, भूसे का दाम हो गया 900-1200 रुपये क्विंटल, ऐसे में कैसे भरेगा पेट?

Cow: गाय को हर रोज मिलते हैं बस 25 रुपये, भूसे का दाम हो गया 900-1200 रुपये क्विंटल, ऐसे में कैसे भरेगा पेट?

भूसे के दामों में उछाल आने से गौशाला संचालकों के सामने कई बड़ी चुनौतियां खड़ी हो गई हैं. गौशाला संचालक इसलिए परेशान हैं कि उन्हें गायों का पेट भरने के लिए महंगे दाम पर भूसा खरीदना पड़ रहा है. ऐसा दावा किया जा रहा है कि इस बार बीते साल की तुलना में भूसे के रेट ढाई-तीन गुना ज्यादा हैं. 

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Cow: गाय को हर रोज मिलते हैं बस 25 रुपये, भूसे का दाम हो गया 900-1200 रुपये क्विंटल, ऐसे में कैसे भरेगा पेट?गौशाला में गायों का प्रतीकात्मक फोटो. फोटो क्रेडिट-किसान तक

गेहूं की कटाई से पहले ही हरियाणा में जगह-जगह हुई बारिश ने फसल को काफी नुकसान पहुंचाया था. इसके चलते गेहूं तो महंगा हुआ ही साथ में भूसे के दाम भी आसमान छूने लगे. भूसे के दाम बढ़ने से जहां डेयरी संचालक परेशान हुए उससे कहीं ज्यादा इसका असर गौाशाला संचालकों पर भी पड़ा. गौशालाओं का संचालन करने वालों की परेशानी ये है कि उन्हें  एक गाय का पेट भरने के लिए 25 रुपये रोजाना मिलते हैं, लेकिन आजकल बाजार में भूसे का रेट 900 से 12 सौ रुपये क्विंटल चल रहा है. 

जबकि एनीमल एक्सेपर्ट की मानें तो एक गाय को रोजाना सूखा और हरा चारा मिलाकर कम से कम आठ से 10 किलो चारे की जरूरत होती है. ऐसे में गौशालाओं के संचालक का सवाल ये है कि वो 25 रुपये में आठ से 10 किलो चारे का इंतजाम कैसे करें. 

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नगर निगम की गौशाला भी जूझ रही महंगे भूसे से 

रोहतक में नगर निगम एक गौशाला का संचालन करता है. लेकिन बाजार में भूसे के मौजूदा रेट को देखते हुए सरकार की आर्थिक मदद भी नाकाफी साबित हो रही है. नगर निगम की गौशाला में एक गाय के लिए 25 रुपये रोजाना के हिसाब से मिलते हैं. गौशाला संचालन से जुड़ी संस्था का कहना है 25 रुपये से रोजाना एक गाय का पेट भरना मुमकिन नहीं है. यहां हर रोज करीब 80 क्विंटल भूसे और हरे चारे की जरूरत होती है. लेकिन जो पैसे मिलते हैं उसमे गायों का पेट भर पाना मुश्कि ल है. ऊपर से भूसे के रेट में बदलाव होता रहता है.  

जनवरी-फरवरी, 2023 में भूसे के रेट 1600-1700 रुपये प्रति क्विंटल थे. जबकि बीते साल इसी महीने में 250-300 रुपये प्रति क्विंटल तक भूसा बड़े ही आराम से मिल रहा था. जबकि इस साल गेहूं की कटाई के बाद भी भूसा ढाई-तीन गुना यानी 900 से 1200 प्रति क्विंटल तक बिक रहा है. 

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मदद नहीं मिली तो सरेंडर करेंगे गौशाला का संचालन

रोहतक नगर निगम की गौशाला पहरावर एरिया में है. यहां 2500 से 3000 तक गाय हैं. निगम प्रशासन चारे के लिए प्रति गोवंश 25 रुपये देता है. शहर की श्याम जी गोसेवा समिति को गोशाला संचालन के लिए जनवरी में टेंडर मिला था. समित‍ि के पदाधिकारी इंद्रजीत का कहना है कि बीते कुछ वक्त से समिति लगातार अपनी जेब से पैसा खर्च कर गायों का पेट भरने का काम कर रही है. सरकारी मदद भी वक्त पर नहीं मिल पाती है. उनका कहना है कि समाज से भी उन्हें उतनी मदद नहीं मिल रही है. अगर ऐसा ही रहा तो उन्हेंै गौशाला का संचालन सरेंडर करना पड़ सकता है. 
 

 

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