हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि राज्य सरकार किसानों को अफ्रीकी देशों में भेजकर व्यापक कृषि क्षमताओं का लाभ उठाने की योजना बना रही है. इस प्रयास का उद्देश्य हरियाणा के मेहनती कृषक समुदाय को नए अवसर प्रदान करना है. अफ्रीकी राष्ट्र के राजदूत के साथ चर्चा के बाद राज्य सरकार एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर करने की प्रक्रिया में है. इस सहयोग को औपचारिक रूप देने के लिए शीघ्र ही एमओयू का आदान-प्रदान किया जाएगा. एमओयू के बाद हरियाणा सरकार द्वारा इच्छुक किसानों को इस अवसर का लाभ लेने के लिए आमंत्रित किया जाएगा. वो विदेश जाएंगे और वहां की खेती के बारे में जानेंगे.
इसके बाद किसान समूहों का गठन किया जाएगा और उन्हें अफ्रीकी देशों में भेजा जाएगा, जहां वे अपनी कृषि विशेषज्ञता का उपयोग कर वहां उपलब्ध कृषि परिदृश्य से लाभ उठा सकते हैं. विदेश भेजने से पहले सरकार उन्हें विदेश में कृषि प्रयासों में उनकी सफलता सुनिश्चित करने के लिए ट्रेनिंग और आवश्यक सहायता भी प्रदान करेगी. मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बुधवार को चंडीगढ़ में आयोजित एक प्रेस वार्ता में दी.
इसे भी पढ़ें: दलहन फसलों की कम बुवाई ने बढ़ाई चिंता, दाम बनाएगा रिकॉर्ड और 'आयात निर्भर' ही रहेगा देश
मनोहर लाल ने बताया कि औद्योगिकीकरण और अन्य विकासात्मक गतिविधियों के कारण हरियाणा में भूमि जोत घट रही है. ऐसे में सरकार ने राज्य के किसानों के लिए वैकल्पिक रास्ते तलाशने के लिए यह पहल की है. मध्य प्रदेश और अन्य राज्यों में सफल कृषि उद्यमों से प्रेरणा लेते हुए हरियाणा भी इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेती के मॉडल को देखेगा और उससे फायदा उठाएगा.
एक प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्लेसमेंट के लिए युवाओं को विदेशों में अवैध तरीके से भेजे जाने पर रोक लगाने के लिए प्रतिबद्ध है. इच्छुक व्यक्तियों के लिए वैध अवसरों की सुविधा के लिए सरकार ने विदेशी सहयोग विभाग और ओवरसीज प्लेसमेंट सेल की स्थापना की है. इनका कार्य विदेश में रोजगार के अवसरों की तलाश कर रहे युवाओं की नियुक्ति के समन्वय के लिए काम करना है. ऐसे व्यक्तियों के लिए ट्रेनिंग दी जाती है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि इजराइल में मैनपावर की मांग के अनुरोध में हमने विज्ञापन जारी किया, जिसके परिणामस्वरूप 4000 युवाओं ने विदेशों में रोजगार के लिए दिलचस्पी दिखाई है. अगला विज्ञापन 15 जनवरी के आसपास जारी किया जाएगा. इन्हें एमडीयू, रोहतक में ट्रेनिंग दी जाएगी. उन्होंने कहा कि हमारे युवाओं को रोजगार के लिए कानूनी तरीके से विदेश भेजा जाएगा. एक अन्य प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार ने एक विशेष विधेयक लाकर 58 वर्ष की आयु तक अतिथि शिक्षकों के रोजगार की सुरक्षा प्रदान की है. फिलहाल उनकी सेवाओं के नियमितीकरण का कोई प्रावधान नहीं है. साथ ही नियमित भर्ती के प्रयास भी जारी हैं.
इसे भी पढ़ें: सिर्फ महाराष्ट्र ही नहीं तेलंगाना, गुजरात और कर्नाटक में भी कम हुई प्याज की खेती, जानिए कितना घटा उत्पादन
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today