किसानों के लिए खुशखबरी! सरकार ने 7.5 लाख टन मिलेट्स खरीदने का रखा लक्ष्य

किसानों के लिए खुशखबरी! सरकार ने 7.5 लाख टन मिलेट्स खरीदने का रखा लक्ष्य

खाद्य मंत्रालय ने राज्यों से मिलेट्स यानी मोटे अनाजों की और अधिक खरीद करने को कहा है, जिसके लिए उसने 2022-23 (अक्टूबर-सितंबर) के दौरान 7.5 लाख टन का लक्ष्य रखा है. जिनमें से अकेले कर्नाटक 6 लाख टन (5 लाख टन रागी और 1 लाख टन ज्वार) खरीदेगा.

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किसानों के लिए खुशखबरी! सरकार ने 7.5 लाख टन मिलेट्स खरीदने का रखा लक्ष्यसरकार ने 7.5 लाख टन मिलेट्स खरीदने का रखा लक्ष्य

देश में मोटे अनाजों को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार के अलावा राज्य सरकारों के द्वारा कई पहल की गई है. इसके साथ ही भारत के अपील पर संयुक्त राष्ट्र संघ ने वर्ष 2023 को इंटरनेशनल ईयर ऑफ मिलेट्स घोषित किया गया है. अब इसी क्रम में खाद्य मंत्रालय ने राज्यों से मिलेट्स यानी मोटे अनाजों की और अधिक खरीद करने को कहा है, जिसके लिए उसने 2022-23 (अक्टूबर-सितंबर) के दौरान 7.5 लाख टन का लक्ष्य रखा है. जिनमें से अकेले कर्नाटक 6 लाख टन (5 लाख टन रागी और 1 लाख टन ज्वार) खरीदेगा.

बता दें कि साल 2021-22 के दौरान मोटे अनाजों की खरीद 6.30 लाख टन हुई थी. वहीं 1 अक्टूबर, 2022 से चालू वर्ष में खरीद 2.63 लाख टन तक पहुंच गई है जिसमें 1 मार्च को 1.36 लाख टन रागी और 1.25 लाख टन बाजरा को खरीदा गया है.

मोटे अनाजों को बढ़ावा 

दरअसल, बुधवार को खाद्य सचिवों के सम्मेलन में सभी राज्यों को मोटे अनाज के लिए उत्पादक जिलों, विशेषकर आदिवासी क्षेत्रों में खरीद केंद्र खोलने के लिए कहा गया था. बिजनेसलाइन की रिपोर्ट के अनुसार, खाद्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, राज्य सरकारों को भी  मोटे अनाजों की खपत को बढ़ावा देने के लिए कहा गया है.

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सम्मेलन को संबोधित करते हुए खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने कहा कि मिलेट्स खरीद और वितरण के दिशा-निर्देशों को संशोधित किया गया है. उसके अनुसार, यदि किसी राज्य के पास मिलेट्स बचा है, तो उन्हें अन्य राज्यों में वितरित करने की अनुमति दी गई है. उन्होंने आगे कहा, “हमने केरल को बचे मिलेट्स वितरित करने के लिए कर्नाटक सरकार को अनुमति दी है. हमें उम्मीद है कि आने वाले वर्षों में हम बड़े पैमाने पर खरीद और वितरण करने में सक्षम होंगे.”

चोपड़ा ने कहा, “राज्यों से आग्रह किया गया है कि वे कर्नाटक में आईसीडीएस, मिड-डे मील और पीडीएस जैसी योजनाओं में मिलेट्स का उपयोग कैसे किया जा रहा है, उससे सीखें जो स्वस्थ आहार को बढ़ावा देने में सहायक है.

मिलेट्स की खेती करने का अनुरोध

इस बीच, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने गुरुवार को छोटे और सीमांत किसानों से अधिक मिलेट्स की खेती करने का अनुरोध किया, जो देश में कुपोषण को दूर करने में मदद कर सकता है. इस बात पर जोर देते हुए कि मिलेट्स को कम पानी की जरूरत होती है, लेकिन इसमें उच्च पोषण होता है.  उन्होंने कहा कि इन पोषक अनाजों को यह सोचकर दूर रखा गया कि यह गरीब आदमी का भोजन है.

 


दिल्ली के पूसा परिसर में वार्षिक 'कृषि विज्ञान मेला' का उद्घाटन करते हुए तोमर ने कहा, "अधिक मिलेट्स उगाकर हम कुपोषण की समस्या का समाधान कर सकते हैं." उन्होंने कहा, 'हम अच्छा खा रहे हैं लेकिन पोषण से भरपूर भोजन नहीं कर रहे हैं..न केवल भारत में बल्कि दुनिया के कई हिस्सों में कुपोषण की समस्या है. 

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