केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि करोड़ों किसानों व उनके परिवारों के लिए आजीविका का स्रोत होने के नाते भारत सरकार के लिए कृषि एक फोकस क्षेत्र है. हाल के वर्षों में भारत ने कृषि को टिकाऊ बनाने के साथ-साथ किसानों की आय और खेतों की उत्पादकता में सुधार के लिए कई प्रमुख पहल की हैं. कृषि क्षेत्र को बदलने में नई और उभरती टेक्नोलॉजी की बड़ी भूमिका है, ताकि यह बढ़ती मांग और भविष्य की अन्य गुणात्मक चुनौतियों का सामना कर सके. कृषि क्षेत्र में अमेरिका की विकसित टेक्नोलॉजी का भारत को लाभ मिल सकता है, वहीं सटीक खेती, ड्रोन तकनीक, पानी और मृदा सेंसर की टेक्नोलॉजी व ट्रेसबिलिटी तकनीक एवं प्रणालियों के क्षेत्र में सहयोग की तलाश की जा सकती है.
तोमर शुक्रवार को हैदराबाद में आयोजित जी-20 की मीटिंग के दौरान अमेरिका, युनाइटेड किंगडम, जापान और इटली के मंत्रियों तथा यूरोपीय संघ के कमिश्नर के साथ द्विपक्षीय बैठक को संबोधित कर रहे थे. तोमर ने इन देशों के साथ कृषि क्षेत्र के समग्र विकास के लिए सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की. श्री अन्न को बढ़ावा देने के लिए भारत की पहल का विशेष रूप से उल्लेख किया. वहीं यूरोपीय संघ व भारत के बीच संबंध और मजबूत बनाने पर जोर दिया.
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अमेरिकी मंत्री एक्सोचिटल टोरेस स्माल से चर्चा में केंद्रीय कृषि मंत्री तोमर ने कहा कि भारत व अमेरिका के बीच एक व्यापक वैश्विक कार्यनीतिक भागीदारी है, जिसमें लगभग सभी क्षेत्रों को शामिल किया गया है. जो साझा लोकतांत्रिक मूल्यों, अनेक मुद्दों पर हितों से प्रेरित है. जबकि युनाइटेड किंगडम की मंत्री सुश्री थेरेसी काफी के साथ बैठक में तोमर ने कहा कि पिछले वर्षों में भारत-यूके के ऐतिहासिक संबंध मजबूत, बहुआयामी, पारस्परिक रूप से लाभप्रद हुए हैं. दोनों देश जलवायु परिवर्तन और नवीकरणीय ऊर्जा पर गठित संयुक्त कार्य समूहों पर मिलकर काम कर रहे हैं.
इस मौके पर भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् (ICAR) के साथ कृषि अनुसंधान में सहयोग के लिए दो समझौता ज्ञापन भी साइन हुए हैं. कृषि के अन्य पारस्परिक लाभकारी क्षेत्रों में सहयोग के दायरे का विस्तार करने पर भी विचार कर सकते हैं. जापान के मंत्री टेटसुरो नोमुरा के साथ बैठक में तोमर ने कहा कि भारत-जापान साझेदारी ने स्वयं को भारत-प्रशांत क्षेत्र में सबसे महत्वपूर्ण-प्रासंगिक भागीदारी के रूप में स्थापित किया है. जापान से मजबूत साझेदारी भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी की आधारशिला है व भारत-प्रशांत के हमारे दृष्टिकोण का केंद्र बिंदु है. आर्थिक साझेदारी भारत-जापान संबंधों का एक प्रमुख स्तंभ है.
तोमर ने कहा कि जलवायु परिवर्तन संबंधी पहल हमारी वैश्विक साझेदारी का अभिन्न अंग हैं. भारत के नेतृत्व वाले अंतरराष्ट्रीय तंत्रों जैसे अंतरराष्ट्रीय सोलर अलांयस (आईएसए), कोएलिशन फॉर डिजास्टंर रेसिलिएंट इंफ्रास्ट्र्क्चजर (सीडीआरआई) व लीडआईटी (भारत व स्वीडन द्वारा सह-नेतृत्व) में जापानी भागीदारी की भारत सराहना करता है. ये पहल बहु-हितधारक तंत्र के जरिये वैश्विक लो कार्बन पाथवेज बनाने पर काम करने को तैयार है.
इटली के मंत्री फ्रांसेस्को लोलोब्रिग्रिडा के साथ बैठक में तोमर ने कहा कि यह वर्ष भारत-इटली द्विपक्षीय संबंधों के लिए भी विशिष्ट है, क्योंकि दोनों देश राजनयिक संबंधों की स्थापना के 75 वर्ष पूर्ण होने का उत्सव मना रहे हैं. भारत जी-20 की अध्यक्षता कर रहा है. खुशी की बात है कि दोनों देशों में कृषि के क्षेत्र में भी सहयोग चला आ रहा है.
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