2030 तक दोगुना किया जाएगा Seafood से बने आइटम का एक्सपोर्ट, एमपीडा ने बताया प्लान

2030 तक दोगुना किया जाएगा Seafood से बने आइटम का एक्सपोर्ट, एमपीडा ने बताया प्लान

सीफूड एक्सपोर्ट में भारत लगातार लम्बी छलांग लगा रहा है. 120 से ज्यादा देशों में सीफूड एक्सपोर्ट किया जा रहा है. भारतीय समुद्री उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एमपीडा) चेयरमैन की मानें तो अब भारत का निशाना मछली से बने आइटम के एक्सपोर्ट पर है. विश्व में इसका बाजार 189 बिलियन डॉलर का है. 

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2030 तक दोगुना किया जाएगा Seafood से बने आइटम का एक्सपोर्ट, एमपीडा ने बताया प्लानट्रेनिंग देते वियतनाम से आए एक्सपर्ट. फोटो क्रेडिट-एमपीडा

‘भारत से फिश एक्सपोर्ट लगातार बढ़ रहा है. कई देश भारतीय सीफूड के दीवाने हैं. भारतीय झींगा भी खूब पसंद किया जा रहा है. लेकिन अब हमारी नजर मछली से बने आइटम (वैल्यू एडेड प्रोडकटो) पर है. विश्व  में मछली से बने आइटम का 189 बिलियन डॉलर का कारोबार है. इसमे भारत की हिस्सेदारी आठ बिलियन डॉलर की है. लेकिन साल 2030 तक हम इसे दोगुना कर लेंगे. हमारा निशाना 20 फीसद की हिस्सेदारी हासिल करने पर है. भारतीय समुद्री उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एमपीडा) ने इसके लिए प्लान तैयार कर उस पर काम भी शुरू कर दिया है.’ ये कहना है एमपीडा के चेयरमैन डीवी स्वामी का. 

उनका कहना है कि हमारे सामने चीन, वियतनाम और थाईलैंड जैसे देशों की चुनौती है, लेकिन हम 20 फीसद के टॉरगेट को हासिल कर लेंगे. इसके लिए प्रोसेसिंग के काम में लगी लेबर को विदेशी एक्सपर्ट से क्वालिटी के आइटम तैयार करने की ट्रेनिंग दिलाई जा रही है.

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वैल्यू एडेड प्रोडक्ट का एक्सपोर्ट बढ़ाने का ये बनाया प्लान

चेयरमैन डीवी स्वामी ने बताया कि 2030 तक फिश वैल्यू एडेड प्रोडक्ट को दोगुना से भी ज्यादा करने के लिए हमारे पास सात साल हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए एपीडा ने प्लान तैयार किया है. इस कड़ी में सबसे पहले बुनियादी ढांचा तैयार करने, प्रोडक्ट उत्पादन की क्षमता बढ़ाने और लेबर को ट्रेनिंग देने की जरूरत महसूस की गई. लेबर को ट्रेनिंग देने का प्रोग्राम शुरू हो चुका है.

वर्ल्ड फिशरीज डे के मौके पर 21 नवंबर से सात दिसम्बर तक के लिए ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरू हो गया है. ट्रेनिंग के लिए एक्सपर्ट के तौर पर वियतनाम से ट्रान क्वोक सोन और चू थी तुयेट माई को बुलाया गया है. लेबर को 22 तरह के प्रोडक्ट तैयार करने की ट्रेनिंग दी जा रही है. ट्रेनिंग प्रोग्राम भारत के पूर्वी और पश्चिमी तटों पर सात स्थानों पर आयोजित किए जाएंगे. 

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सीफूड एक्सपोर्टर ने एमपीडा से की ये मांग 

सीफूड एक्सपोर्टर ने एमपीडा से मांग करते हुए कहा है कि मौजूदा वक्त में सीफूड तैयार करने में इस्तेमाल होने वाले तमाम आइटम फीस के साथ इंपोर्ट किए जा रहे हैं. मछली से तैयार होने वाले आइटम के लिए ब्रेड क्रम्ब्स, सॉस, प्री-डस्ट और प्लास्टिक ट्रे की जरूरत होती है. इसलिए ऐसे आइटम पर से इंपोर्ट डयूटी हटाई जाए. साथ ही उनका कहना है कि वैल्यू एडेड प्रोडक्ट के एक्सपोर्ट को बढ़ाने के लिए ये भी जरूरी है कि इंपोर्ट की एफओबी डयूटी में छूट को बढ़ाया जाए.

 

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