

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी ने शुक्रवार को प्रदेश के किसानों को कई उपहार दिए. इसके तहत मुख्यमंत्री ने ट्रैक्टर्स, कंबाइन हार्वेस्टर और अन्य कृषि मशीनरी को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. मुख्यमंत्री रेड्डी ने 361.29 करोड़ की योजना को प्रदेश के किसानों के नाम की. दरअसल, आंध्र प्रदेश में वाईएसआर यंत्र सेवा स्कीम चल रही है जिसमें किसानों से जुड़े उपकरण और मशीन सरकार की ओर से दिए जाते हैं. हालांकि यह मुफ्त नहीं है, लेकिन इस पर सरकार कई तरह की सब्सिडी और लोन देती है. इस स्कीम के दूसरे चरण में मुख्यमंत्री ने ट्रैक्टर और कंबाइन हार्वेस्टर को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. इन कृषि उपकरणों से प्रदेश के किसान खेती-बाड़ी में मदद ले सकेंगे.
इसी के साथ मुख्यमंत्री रेड्डी ने 409 वाईएसआर यंत्र सेवा केंद्रों की शुरुआत की. मुख्यमंत्री ने इन ट्रैक्टरों और हार्वेस्टर को किसानों के संगठनों को सौंप दिया. इसमें किसानों को 2562 ट्रैक्टर, 100 कंबाइन हार्वेस्टर और 3573 कृषि मशीनें शामिल हैं. अब इन मशीनों को किसान सब्सिडी पर खरीद सकेंगे. जिन किसान संगठनों को ये मशीनें दी गई हैं, उन संगठनों से जुड़े किसान लोन पर मशीनों की खरीद कर सकते हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि मशीनों की खरीद पर 40 परसेंट सब्सिडी दी जाएगी, जबकि मशीनों के दाम का 50 परसेंट हिस्सा लोन में दिया जाएगा. बाकी बचा 10 परसेंट दाम किसानों को देना होगा.
इसी के साथ मुख्यमंत्री रेड्डी ने ट्रैक्टर, कंबाइन और अन्य कृषि मशीनों की खरीद के लिए किसान संगठनों के बैंक खाते में 125.48 करोड़ की राशि जारी की. मुख्यमंत्री ने कहा कि ट्रैक्टर औऱ हार्वेस्टर 10,444 रायतू भरोसा केंद्र (RBK) के काम आएंगे. आंध्र प्रदेश में रायतू भरोसा केंद्र वैसे ही होते हैं जैसे अन्य जगहों पर कृषि विज्ञान केंद्र होते हैं. रायतू भरोसा केंद्र के जरिये ट्रैक्टर और हार्वेस्टर किसानों को दिए जाएंगे और इसके लिए क्लस्टर स्तर पर कम्युनिटी हायरिंग सेंटर बनाए जाएंगे. इन सेंटरों के जरिये मशीनों के ऑपरेशन की निगरानी की जाएगी.
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मुख्यमंत्री रेड्डी ने कहा कि सरकार ने पहले चरण में 6525 आरबीके के तहत काम करने वाले किसान समूहों को 240.67 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी है. इसके अंतर्गत किसानों को 3800 ट्रैक्टर, 391 कॉमाइन हार्वेस्टर और 22,580 कृषि मशीनें सौंपी गई हैं. इसी के साथ 391 कम्युनिटी हायरिंग सेंटर भी बनाए गए हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना का उद्देश्य खेती की लागत को कम करना और मशीनीकरण के माध्यम से किसानों की आय में वृद्धि करना है. उन्होंने कहा कि किसान कम किराए पर ट्रैक्टर, हार्वेस्टर और अन्य मशीनें ले सकते हैं.
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रेड्डी ने कहा कि सरकार वाईएसआर यंत्र सेवा ऐप भी लॉन्च करेगी और किसान ऐप की मदद से किसान सरकारी सेवाओं का लाभ आरबीके में ले सकते हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले अक्टूबर में स्प्रेयर, तिरपाल और ब्रीडर का वितरण किया जाएगा और इससे सात लाख किसान लाभान्वित होंगे.
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