उन्नत खेती के लिए शिक्षा, तकनीक और जानकारी का होना जरूरी है. तभी हम खेतीबाड़ी के सामने खड़ी चुनौतियों का सामना कर पाएंगे. यह कहना है केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर का. मंगलवार को पूसा संस्था न में ब्लेंडेड लर्निंग इकोसिस्टम फार हायर एजुकेशन इन एग्रीकल्चर (कृषि में उच्च शिक्षा के लिए मिश्रित शिक्षण पारिस्थितिकी तंत्र) प्लेटफार्म लांच करते हुए तोमर ने कहा कि यह सिस्टम कृषि मेघ जैसी सुविधाओं और कोरोना-लॉकडाउन के दौरान शुरू किए गए वर्चुअल क्लास रूम को और उपयोगी बनाएगा. जिसका फायदा सीधे-सीधे कृषि विश्वविद्यालयों और कालेजों के शिक्षक समेत सभी छात्रों को मिलेगा.
नरेन्द्र सिंह तोमर ने बताया कि कृषि मेघ जैसी सुविधा को अगस्त, 2020 में शुरू किया गया था. इसी के चलते ही अप्रैल, 2021 में शुरू हुए वर्चुअल क्लास रूम ने कोरोना-लॉकडाउन के दौरान कृषि संबंधी पढ़ाई-लिखाई में अहम भूमिका निभाई थी. अब ब्लेंडेड लर्निंग प्लेटफार्म देशभर में कृषि विश्वविद्यालयों और कालेजों में शिक्षकों-छात्रों के लिए कृषि मेघ को और कारगर बनाएगा.
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नरेन्द्र सिंह तोमर ने ब्लेंडेड लर्निंग प्लेटफार्म लांच करते हुए यह भी कहा कि हमारी सोच, हमारे विचार, कार्यपद्धति, गति और नजर इतनी व्यापक होना चाहिए कि साल 2047 तक भारत सारी तकनीकों से लैस होकर विकसित देशों की अग्रपंक्ति में खड़ा दिखाई दे. हमारी इस यात्रा में ब्लेंडेड लर्निंग का बड़ा योगदान रहेगा. तकनीक का खेत तक विस्तार हमारी जिम्मेदारी है. खेती का क्षेत्र सरल हो, नई पीढ़ी के लिए आकर्षक हो, रोजगार के अवसर सृजित करने वाला हो, लागत कम करने और उत्पादन की गुणवत्ता बढ़ाने वाला हो, इसके लिए नई-नई तकनीक का समर्थन करना बेहद जरूरी है.
साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि विकसित भारत के निर्माण के लक्ष्य की पूर्ति में भी कृषि क्षेत्र का योगदान बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि कृषि देश की अर्थव्यवस्था की बैकबोन है. इसकी मजबूती देश को किसी भी स्थिति में खड़ा रखने, आगे बढ़ने में मददगार साबित होगी. साथ ही साल 2047 तक की जो चुनौतियां खाद्यान्न की जरूरत और जलवायु परिवर्तन को लेकर आने वाली हैं, उसके लिए भी तैयार रहने की जरूरत है.
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ब्लेंडेड लर्निंग प्लेटफार्म लांच के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए तोमर ने कहा कि पीएम नरेन्द्र मोदी समग्र-संतुलित विकास की कल्पना पर काम करते हैं. देश के गरीब, मजदूर, किसान और आदिवासी भाई-बहनों समेत सभी के जीवन स्तर में बदलाव आएं, यह सरकार की प्राथमिकता है. साथ ही, दुनिया के राजनीतिक परिदृश्य में भारत अपने विचार, कृतित्व व अच्छाइयों के बल पर और आगे बढ़ सकें, इस व्यापक लक्ष्य की पूर्ति के लिए भी पीएम काम करते रहते हैं. आगामी चुनौतियों और तकनीक की जरूरत को देखते हुए डिजिटलाइजेशन के महत्व की दिशा में सुधारात्मक काम करने की बहुत जरूरत है. सरकार इस दिशा में कुछ काम कर भी रही है.
डिजिटल ट्रांजेक्शन के मामले में भारत की भूमिका सर्वश्रेष्ठ है. आज करोड़ों किसानों के खातों में 2.40 लाख करोड़ रुपये बिना किसी बिचौलिए की भूमिका के सौ फीसद जमा हो जाते हैं. यह देश के साथ ही दुनिया के लिए भी आश्चर्यजनक है. आयुष्मान भारत योजना, गैस सब्सिडी और एमएसपी पर खरीद का भुगतान डीबीटी से होने की दिशा में भी भारत ने तेजी से कदम बढ़ाए हैं, जिसके कारण दुनिया में हमारी साख और प्रतिष्ठा बढ़ी है.
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