सरकार ने जमाखोरी रोकने और कीमतों में बढ़ोतरी पर रोक लगाने के लिए शुक्रवार को थोक विक्रेताओं, खुदरा विक्रेताओं, आयातकों और मिल मालिकों के लिए अक्टूबर तक अरहर और उड़द दाल की स्टॉक या भंडारण सीमा तय कर दी है. केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामले के मंत्रालय ने इस संबंध में तत्काल प्रभाव से एक आदेश जारी किया है. मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, अरहर का अखिल भारतीय औसत खुदरा मूल्य दो जून को 19 प्रतिशत बढ़कर 122.68 प्रति किलोग्राम हो गया, जो एक साल पहले 103.25 रुपये प्रति किलोग्राम था. इसी तरह उड़द का औसत खुदरा मूल्य उक्त अवधि में 5.26 प्रतिशत बढ़कर 110.58 रुपये प्रति किलोग्राम हो गया है, जो कि उक्त अवधि में 105.05 रुपये प्रति किलोग्राम था.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने कहा, "इस आदेश के तहत, सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए 31 अक्टूबर 2023 तक अरहर और उड़द के लिए स्टॉक सीमा तय की गई है."
मंत्रालय द्वारा जारी आदेश के अनुसार, थोक विक्रेता अरहर और उड़द 200-200 टन स्टॉक कर सकते हैं. वहीं, खुदरा विक्रेता और खुदरा दुकानदार 5 टन स्टॉक कर सकते हैं, जबकि बड़ी श्रृंखला के खुदरा विक्रेताओं के लिए डिपो पर 200 टन की स्टॉक सीमा तय की गई है.
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आधिकारिक बयान के अनुसार, मिल मालिकों के लिए भंडारण सीमा पिछले 3 महीनों का उत्पादन या सालाना क्षमता का 25 प्रतिशत (जो भी ज्यादा हो) रहेगी. जबकि आयातकों को सीमा शुल्क की मंजूरी मिलने के 30 दिन से अधिक भंडारण करने की अनुमति नहीं है.
मंत्रालय ने संबंधित कानूनी संस्थाओं से उपभोक्ता मामलों के विभाग के पोर्टल (https://fcainfoweb.nic.in/psp) पर स्टॉक की स्थिति घोषित करने के लिए कहा है और यदि उनके पास स्टॉक निर्धारित सीमा से अधिक है, तो उन्हें नोटिफिकेशन जारी होने के 30 दिनों के भीतर इसे निर्धारित स्टॉक सीमा तक लाना होगा.
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गौरतलब है कि आवश्यक वस्तुओं की कीमतों पर नकेल कसने के लिए सरकार द्वारा लगातार किए जा रहे प्रयासों में अरहर और उड़द की स्टॉक सीमा तय करना एक और कदम है. वहीं, उपभोक्ता मामलों का विभाग एक स्टॉक डिस्क्लोजर पोर्टल के माध्यम से अरहर और उड़द के स्टॉक की स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहा है, जिसकी राज्य सरकारों के साथ साप्ताहिक आधार पर समीक्षा की जाती है.
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