scorecardresearch
NDDB चेयरमैन ने श्रीलंका के राष्ट्रपति को बताया डेयरी सेक्टर मजबूत करने का प्लान

NDDB चेयरमैन ने श्रीलंका के राष्ट्रपति को बताया डेयरी सेक्टर मजबूत करने का प्लान

श्रीलंका की आबादी तीन करोड़ से ऊपर है. बीते कुछ वक्त से श्रीलंका के हालात ठीक नहीं चल रहे हैं. खाने-पीने की बहुत सारी चीजें आयात करनी पड़ रही हैं. श्रीलंका अंडे भी भारत से खरीद रहा है. डेयरी सेक्टर में आयात को कम करने के लिए ही श्रीलंका ने डेयरी डवलपमेंट बोर्ड (एनडीडीबी) और गुजरात कोऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन (जीसीएमएमएफ) के साथ समझौत किया है. 

advertisement
अमूल, एनडीडीबी मिलकर श्रीलंका में डेयरी सेक्टर को मजबूत करने का काम कर रहे हैं. फोटो क्रेडिट-एनडीडीबी अमूल, एनडीडीबी मिलकर श्रीलंका में डेयरी सेक्टर को मजबूत करने का काम कर रहे हैं. फोटो क्रेडिट-एनडीडीबी

इंडियन डेयरी का प्लान श्रीलंका में भी लागू किया जा रहा है. हाल ही में नेशनल डेयरी डवलपमेंट बोर्ड (एनडीडीबी) चेयरमैन मीनेश शाह ने श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे से मुलाकात कर उन्हें श्रीलंका में डेयरी सेक्टर को मजबूत करने के प्लान की जानकारी दी. गौरतलब रहे एनडीडीबी, अमूल का संचालन करने वाली गुजरात कोऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन (जीसीएमएमएफ) डेयरी और एक भारतीय प्राइवेट कंपनी साथ मिलकर श्रीलंका में डेयरी सेक्टर का इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार कर रहे हैं. अमूल के मॉडल पर श्रीलंका में डेयरी बाजार तैयार किया जा रहा है. 

इस मौके पर मीनेश शाह ने राष्ट्रपति रानिल को साथ मिलकर तैयार हो रही डेयरी कंपनी की व्यावसायिक योजना, मुनाफे और डेयरी किसानों की बेहतर आजीविका के बारे में भी बताया. इस संयुक्ती कंपनी का मकसद श्रीलंकाई डेयरी सेक्टर को तरक्की की दिशा में ले जाने के साथ ही घरेलू दूध उत्पादन और उससे जुड़े संसाधनों का बेहतर इस्तेमाल करना है. 

ये भी पढ़ें: Dairy Expo: डेयरी एक्सपो में हुई मिल्क रेव्युलेशन-2 चलाने की बात, जानें क्यों पड़ रही जरूरत

श्रीलंका के डेयरी सेक्टर को बदलने में निभा रहे हैं बड़ी भूमिका 

डॉ. मीनेश शाह का कहना है कि एनडीडीबी, जीसीएमएमएफ (अमूल), कारगिल्स (सीलोन) और पीएलसी (कारगिल्स सीलोन) साथ मिलकर श्रीलंकाई डेयरी को बदलने और मजबूत बनाने में जुटे हुए हैं. उनका कहना है कि भारत श्रीलंका को डेयरी उद्योग और दूध उत्पादन को बढ़ाने के लिए तकनीकी सहायता प्रदान करेगा, इसका मकसद ये है कि आयातित दूध उत्पादों पर श्रीलंका की निर्भरता को कम हो.

राष्ट्रपति संग हुई चर्चा के दौरान श्रीलंका में उप उच्चायुक्त डॉ. सत्यंजल पांडे, श्रीलंका में भारत की प्रथम सचिव (ईएंडसी) देविका लाल (भारतीय उच्चायोग) कोलंबो, रंजीत पेज, कारगिल्स (सीलोन) पीएलसी (कारगिल्स सीलोन), श्रीलंका के उपाध्यक्ष और सीईओ और एनडीडीबी, अमूल के अधिकारियों ने भी डेयरी की इस संयुक्त कंपनी के प्लान पर चर्चा की. 

ये भी पढ़ें: Dairy Expo: डेयरी सेक्टर एक लाख लीटर दूध पर गांव-शहर में देता है 6 हजार नौकरी-आरएस सोढ़ी  

कुपोषण खत्म करना चाहती है श्रीलंका सरकार 

जानकारों की मानें तो एनडीडीबी, जीसीएमएमएफ (अमूल), कारगिल्स (सीलोन) और पीएलसी (कारगिल्स सीलोन) और श्रीलंका की सरकार के साथ मिलकर बनने वाली इस कंपनी का मकसद देश में खाद्य सुरक्षा प्रदान करना भी है. देश में बच्चों में कुपोषण के मामलों में वृद्धि देखी जा रही है. डब्ल्यूएफपी के अनुसार श्रीलंका में करीब 50 हजार बच्चे कुपोषण रोग से पीड़ित हैं. इसी परेशानी पर काबू पाने के लिए भी श्रीलंका सरकार ने एनडीडीबी और अमूल डेयरी के साथ ये समझौता किया है.