वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में पूरे देश में मोटे अनाज यानी मिलेट्स का उत्पादन बढ़ाने पर जोर देने की बात कही. उन्होंने इसके लिए 'श्री अन्न योजना' शुरू करने की घोषणा की. वित्त मंत्री ने मिलेट्स को नया नाम 'श्री अन्न' दिया. उन्होंने कहा कि देश में मिलेट्स की पैदावार में इजाफा करने के कारगर उपाय किए जाएंगे. जिससे किसान मिलेट्स उपजाने के लिए प्रोत्साहित होंगे. बजट में राष्ट्रीय मिलेट्स संस्थान खोलने का भी ऐलान किया गया.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2023 में अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए गोबरधन योजना के तहत 500 ‘ एग्री वेस्ट से एनर्जी' निर्माण करने वाले संयंत्रों की स्थापना करने की बात कही है. इनमें शहरी क्षेत्रों में 75 संयंत्रों सहित 200 बायोगैस (सीबीजी) संयंत्र लगाए जाएंगे. इसमें 10,000 करोड़ रुपये के कुल निवेश के साथ 300 समुदाय या क्लस्टर आधारित संयंत्र, शामिल होंगे.
पीएम प्रणाम योजना के जरिए केंद्र सरकार केमिकल रसायनों के इस्तेमाल को कम करके वैकल्पिक उर्वरकों के इस्तेमाल में बढ़ोतरी करना चाहती है. इस योजना से राज्यों में केमिकल उर्वरकों के यूज में कमी आएगी और खेती को केमिकल युक्त करने में मदद मिलेगी.
केंद्र सरकार ने कृषि के क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा स्टार्टअप शुरू करने पर फोकस किया है. कृषि स्टार्टअप के लिए एक डिजिटल एक्सीलरेटर फंड बनाया जाएगा, जिसे कृषि निधि नाम दिया गया है. इसके जरिए कृषि के क्षेत्र में स्टार्टअप शुरू करने वालों को सरकार की ओर से मदद दी जाएगी.
केंद्र सरकार ने किसानों की सुविधा के लिए कर्ज का दायरा बढ़ा दिया है. इस साल किसानों को क्रेडिट कार्ड के जरिए 20 लाख करोड़ रुपये तक का कर्ज बांटने का लक्ष्य रखा गया है. इससे लाखों किसानों को फायदा होगा.
बजट 2023 के दौरान सरकार ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए अगले तीन साल में एक करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने में मदद करने की बात कही है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि देश में उर्वरक और कीटनाशक निर्माण के लिए 10,000 जैव इनपुट संसाधन केंद्र स्थापित किए जाएंगे. जिससे किसानों को प्रकृतिक खेती करने में मदद मिलेगी.
केंद्र सरकार ने मत्स्य संपदा की नई उप-योजना में 6000 करोड़ रुपये निवेश करने का फैसला किया है. इसके माध्यम से मछुआरों को बीमा कवर, वित्तीय सहायता और किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा भी प्रदान की जाती है. इसका उद्देश्य ग्रामीण संसाधनों का उपयोग करके ग्रामीण विकास और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को तेजी से बढ़ावा देना है.
केंद्र सरकार लंबे रेशेदार कपास के उत्पादन को बढ़ाने के लिए सरकार PPP मॉडल तैयार कर रही है. जिसका फायदा कपास की खेती कर रहे किसानों को मिलेगा.
इस बार सरकार ने बजट में बागवानी उपज के लिए 2,200 करोड़ की राशि आवंटित की है. इसके माध्यम से बागवानी को बढ़ावा देने का निर्णय लिया गया है.
ग्रीन एनर्जी की तरफ कदम बढ़ाते हुए वित्तीय बजट में इसकी तरफ भी ध्यान दिया गया है. जिसके तहत देश के सभी संस्थानों में 5% बायोगैस के प्रयोग को अनिवार्य कर दिया गया है.
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