Soybean Mandi Rates: सरकार के तमाम दावों और प्रयासों के बाद भी सोयाबीन का दाम बढ़ने का नाम नहीं ले रहा है. यहां तक कि देश की कुछ मंडियों में इसका दाम एमएसपी से भी 2000 रुपये तक नीचे चला गया है, जबकि सोयाबीन एक प्रमुख तिलहन फसल है, जिसका भारत में खाद्य तेल उत्पादन के लिए महत्वूपर्ण योगदान है. भारत खाद्य तेलों का प्रमुख आयातक है. इसके बावजूद सोयाबीन का दाम न बढ़ना चिंता का कारण बना हुआ है.
फिलहाल सोयाबीन के दामों को लेकर सबसे ज्यादा उथल-पुथल साेयाबीन उगाने वाले प्रमुख राज्यों में से एक महारष्ट्र के किसानों में बनी हुई है. जानिए आज 21/11/2024 को महाराष्ट्र की मंडियों में प्रति क्विंटल सोयाबीन का क्या भाव चल रहा है…
मंडी | आवक (क्विंटल में) | न्यूनतम कीमत (रुपये में) | अधिकतम कीमत (रुपये में) | मॉडल कीमत (रुपये में) |
जलगांव | 180 | 3000 | 4270 | 4255 |
तुलजापुर | 1500 | 4100 | 4100 | 4100 |
पैठान पिवला | 6 | 4071 | 4071 | 4071 |
गंंगखेड़ | 110 | 4350 | 4400 | 4350 |
देउलगांव राजा | 25 | 3000 | 4141 | 4000 |
किनवत पिवला | 43 | 4000 | 4400 | 4250 |
पठारी पिवला | 56 | 2700 | 4101 | 4000 |
नोट: ऊपर दिए गए आंंकड़े महाराष्ट्र एग्रीकल्चर मार्केटिंग बोर्ड के अनुसार हैं.
वर्तामन में सोयाबीन की एमएसपी 4892 रुपये प्रति क्विंटल है, जबकि इसकी खेती की लागत ही 3261 रुपये प्रति क्विंटल है. सरकार भी इस बात को स्वीकार करती है. ऐसे में उपज की लागत भी नहीं मिलने से किसान परेशान है. इस बार महाराष्ट्र साेयाबीन उत्पादन के मामले में दूसरे नंबर पर है. यहां देश के कुल उत्पादन का 40 प्रतिशत- 5.23 मिलियन टन सोयाबीन उत्पादन हुआ है. वैसे तो महाराष्ट्र में अभी मंडियाें में सोयाबनी की इतनी आवक भी नहीं है. बावजूद इसके साेयाबीन सस्ते दाम पर खरीदी जा रही है.
मालूम हो कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भी सोयाबीन और कपास के कम भाव का मुद्दा छाया रहा. सत्तारूढ़ गठबंधन महायुति ने चुनाव जीतने पर किसानों से सोयाबीन पर 6000 रुपये प्रति क्विंटल एमएसपी देने का वादा किया. साथ ही केंद्र सरकार ने सभी राज्यों में सोयाबीन की नमी को लेकर भी छूट का आदेश जारी कर दिया. सरकार ने 15 प्रतिशत नमी वाली उपज भी खरीदने को मंजूरी दे दी. पहले 12 प्रतिशत तक नम सोयाबीन की खरीद की जा रही थी.
वहीं, महराष्ट्र में विपक्षी महा विकास अघाड़ी के साथी कांग्रेस ने चुनाव जीतने पर सोयाबीन पर 7000 रुपये प्रति क्विंटल एमएसपी देने का वादा किया है. बहरहाल बीते दिन हुई वोटिंग की मतगणना 23 नवंबर को होगी, जिसमें साफ हो जाएगा कि किसानों ने किसे चुना है.
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