यूरोपीय देशों में सोयाबीन खली की मांग से दिसंबर में बढ़ा निर्यात, जर्मनी और नीदरलैंड ने की सबसे ज्‍यादा खरीद

यूरोपीय देशों में सोयाबीन खली की मांग से दिसंबर में बढ़ा निर्यात, जर्मनी और नीदरलैंड ने की सबसे ज्‍यादा खरीद

यूरोपीय देशों में पशुआहार सोयाबीन खली की मांग बढ़ने के कारण दिसंबर में भारतीय सोया खली का निर्यात मामूली रूप से बढ़ गया. इसमें पिछले बार के मुकाबले 1 प्रति‍शत की बढ़ोतरी देखी गई. सबसे ज्‍यादा खरीद करने वाले देशों में जर्मनी और नीदरलैंड हैं.

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यूरोपीय देशों में सोयाबीन खली की मांग से दिसंबर में बढ़ा निर्यात, जर्मनी और नीदरलैंड ने की सबसे ज्‍यादा खरीदसोयाबीन उत्पादन. (सांकेतिक तस्‍वीर)

देशभर में सोयाबीन की खरीदी अभी भी जारी है. लेकिन कीमतें अभी भी एमएसपी के नीचे बरकरार हैं. वहीं इस बीच पशुआहार- सोयाबीन की खली के निर्यात को लेकर अच्‍छी खबर सामने आई है. दिसंबर में सोयाबीन खली के निर्यात में मामूली बढ़त दर्ज की गई है. जर्मनी और नीदरलैंड में मांग बढ़ने से सोयाबीन खली का निर्यात मामूली रूप से बढ़कर 2.77 लाख टन पहुंच गया, जबकि‍ दिसंबर 2023 में इसका निर्यात 2.74 लाख टन था.

वहीं, इस सीजन अक्टूबर और नवंबर के दौरान निर्यात में गिरावट दर्ज की गई. सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SOPA) की ओर से जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक, घरेलू पशुधन चारा सेक्‍टर की ओर से उठाव 5.5 लाख टन पर स्थिर रहा.

इन देशों में हुआ सबसे ज्‍यादा एक्‍सपोर्ट

  • जर्मनी - 49,875 टन 
  • नीदरलैंड - 39,088 टन
  • बांग्लादेश - 32,002 टन 
  • फ्रांस - 28,542 टन 
  • नेपाल - 27,724 
  • बेल्जियम - 17,800 टन 
  • ईरान - 500 टन

दिसंबर 2024 में उक्‍त देशों सबसे ज्‍यादा एक्‍सपोर्ट हुआ.

14 प्रतिशत गिरा सोयाबीन खली का उत्‍पादन

अनुमान के मुताबिक, दिसंबर के आखिरी तक सोयाबीन की बाजार आवक 46 लाख टन रह सकती है. अगर यह अनुमान सही साब‍ित हुआ तो यह एक साल पहले 52 लाख टन की तुलना में 11 प्रतिशत कम होगा. वैश्विक रुझान के मुताबिक घरेलू बाजार में कीमतों में मंदी का रुख जारी है.

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बाजार में कम आवक के चलते अक्टूबर से दिसंबर के दौरान सोयाबीन खली का उत्पादन 14 प्रतिशत गिरकर 24.07 लाख टन रह गया, जबकि‍ एक साल पहले उत्‍पादन 28.01 लाख टन था. इस अवधि के दौरान चारे की खपत में भी गिरावट देखी गई, जो 18.50 लाख टन से गिरकर 17 लाख टन रह गई.

MSP से नीचे चल रही कीमतें

बता दें कि सोयाबीन उगाने वाले प्रमुख राज्‍यों में सोयाबीन की कीमतें एमएसपी से नीचे चल रही हैं. सरकार ने सोयाबीन के लिए 4,892 रुपये प्रति क्विंटल एमएसपी सेट किया है, लेकिन किसानों को बहुत कम कीमत पर अपनी उपज बेचनी पड़ रही है.

सोमवार को मध्य प्रदेश के बाजारों में सोयाबीन की मॉडल कीमतें 3,500 रुपये से 4,400 रुपये प्रति क्विंटल के बीच दर्ज की गईं. सरकारी एजेंसियां अब तक 8.84 लाख टन सोयाबीन खरीद चुकी हैं. 

कहां कितनी खरीद हुई

  • मध्‍य प्रदेश - 3.88 लाख टन से अधिक 
  • महाराष्ट्र - 3.10 लाख टन
  • तेलंगाना - 83,075 टन, 
  • राजस्थान - 51,026 टन 
  • गुजरात - 32,687 टन 
  • कर्नाटक - 18,282 टन 
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