उत्तर प्रदेश देश में सबसे ज्यादा आम का उत्पादन करता है. राजधानी लखनऊ के मलिहाबाद को मैंगो लैंड कहा जाता है यहां की दशहरी पूरे विश्व में मशहूर है. मलीहाबादी दशहरी (Malihabadi Dussehri) अब पूरी तरीके से बाजार में उतर चुकी है. इस बार ज्यादा उत्पादन के चलते किसानों को भरपूर दाम नहीं मिल पा रहा है. वही किसानों की इस समस्या को दूर करने के लिए केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान के निदेशक टी दामोदर ने लखनऊ के होटल हयात रेजिडेंसी ग्रुप से बात करके किसानों को एक बड़ा प्लेटफार्म दिया है. दर्जनभर से ज्यादा किसान होटल हयात में अपने आम को बेचकर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. किसानों को यहां पर बाजार के मुकाबले 3 गुना ज्यादा दाम मिल रहा है फिलहाल किसानों को 30 जून तक होटल में अपना आम बेंच सकेंगे.
लखनऊ के होटल हयात में किसानों के आम को जहां एक बड़ा स्थान मिला है तो वहीं केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान के निदेशक टी दामोदरन इससे खासे उत्साहित भी है. उन्होंने लुलु ग्रुप और लखनऊ के दूसरे बड़े होटल से भी बात की है. जल्द ही किसानों को और भी बढ़िया स्थान उपलब्ध होंगे जहां पर किसान अपना आम अच्छे दामों में बेच सकेंगे.
लखनऊ की मंडी में इन दिनों आम ही आम भरा हुआ है. यह कोई सामान्य आम नहीं बल्कि मलिहाबाद की दशहरी है. मंडी में आम की आवक बढ़ने से किसान को भरपूर दाम नहीं मिल रहा है. यहां तक कि कई किसानों का कहना है कि उनकी फसल में लागत भी नहीं निकल पा रही है . मंडी में ₹7 से लेकर ₹22 प्रति किलो तक दशहरी आम बिक रहा है. वही इस बार दूसरे प्रदेशों में भी दशहरी आम की पूछ घटी है.
आम की रंगीन किसानों को अब ज्यादा खरीदार मिल रहे हैं. जापानी आम मियाज़ाकी विश्व का सबसे महंगा आम है तो वही उत्तर प्रदेश में भी रंगीन आम की एक से बढ़कर एक किस्मे मौजूद है. केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान के द्वारा विकसित आम की दो नए रंगीन किसमें अंबिका और अरुणीका भी बाजार में आ चुकी है. वही हुस्नारा भी आम की रंगीन किस्म है. यह आम स्वाद और अपनी सुंदरता में महंगे आमो से कहीं पीछे नहीं है. आम के किसान महेंद्र प्रताप सिंह का कहना है की अरुणीका रंगीन आम की किस्म है. यह आम काफी मीठा होता है. वही बाजार में यह आम किलो के भाव में नहीं बल्कि प्रति आम के भाव में बिक्री होती है.
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