आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में हुई जबरदस्त बारिश के बाद आई बाढ़ ने कई जिलों में भारी तबाही मचाई है. फसलों को सबसे अधिक नुकसान हुआ है. इसलिए किसान अब परेशान हैं कि आगे क्या करेंगे. राहत और बचाव कार्य के लिए एनडीआरफ, एसडीआरएफ और सेना के जवान लगे हुए हैं. हालांकि अब बारिश कम हुई है तो बाढ़ का पानी उतर रहा है. ऐसे में जैसे-जैसे पानी कम हो रहा है, तबाही के मंजर सामने आ रहे हैं. केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान भी दो दिवसीय दौरे पर आंध्र प्रदेश और तेलंगाना आए हैं. यहां वे बाढ़ प्रभावित इलाकों में जाकर हालात का जायजा ले रहे हैं, पीड़ितों से मुलाकात कर रहे हैं.
विजयवाड़ा में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि "आज मैंने अपने किसान भाइयों के खेत देखे और नुकसान का आकलन किया. किसानों की फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गई हैं. केला, हल्दी, धान और सब्जी की फसल को 100 फीसदी नुकसान हुआ है. उन्होंने आगे बताया कि पीएम के निर्देश पर यहां के सीएम संवेदनशीलता के साथ काम कर रहे हैं. केंद्र राज्य में 3400 करोड़ रुपये से अधिक के एसडीआरएफ फंड का इस्तेमाल प्रभावितों को तत्काल राहत देने के लिए करेगा. राज्य में फसल बीमा योजना लागू करें.
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एक दिन पहले भी केंद्रीय मंत्री विजयवाड़ा के दौरे पर थे. गुरुवार को दौरे के दौरान उन्होंने कहा कि आज तक आंध्र प्रेदश में ऐसी स्थिति नहीं देखी थी. विजयवाड़ा के बाढ़ को लेकर उन्होंने कहा कि बुदामेरु में दरार आने और पानी के भारी बहाव के कारण विजयवाड़ा शहर में बाढ़ आ गई. आस-पास के इलाकों में अवैध खनन के कारण बुदामेरू पुल गिर गया. इसके कारण विजयवाड़ा शहर में बाढ़ आ गई और किसानों को इससे काफी नुकसान हुआ है. सीएम को धन्यवाद देते हुए उन्होंने कहा कि सीएम खुद कलेक्टोरट से 24 घंटे यहां की निगरानी कर रहे हैं. साथ ही कहा कि केंद्र राज्य को हरसंभव मदद करने के लिए तैयार है.
उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य दोनों सरकारें लोगों के लिए दिन रात काम कर रही हैं. जानमाल की क्षति कम हुई है क्योंकि इसके पीछे सरकार की मेहनत छुपी हुई है. उन्होंने सुझाव देते हुए कहा कि अब लोगों को राहत पहुंचाने के लिए एक अल्पकालिक योजना बनाने की जरूरत है. कृषि मंत्री ने कहा कि उन्हें यह देखकर खुशी हुई कि सभी अधिकारी अपना काम ईमानदारी से कर रहे हैं. पहली बार, बचाव कार्यों में ड्रोन तैनात किए गए. स्थिति अभी भी गंभीर है. वहां स्वच्छता की जरूरत है और अन्य सभी प्रक्रियाएं अपनाई जानी चाहिए. बुदामेरु ब्रीच को बंद करने के लिए जल्द ही सेना भी यहां पहुंच जाएगी, इसकी व्यवस्था की जा रही है.
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उन्होंने कहा कि प्रकाशम बैराज 70 साल से ज्यादा पुराना है. यहां पर करीब 12 लाख से अधिक क्यूसेक पानी आया. अब यहां से पानी का डिस्चार्ज कैसे कराया जाए, इसके लिए योजना बनानी होगी. कृषि मंत्री ने कहा कि पूर्व सरकार ने बुदामेरु के पास अवैध खनन किया, जो भी बाढ़ का एक कारण था. इसके कारण दो लाख से अधिक किसान प्रभावित हुए हैं. यहां तक कि वहां मौजूद घरों, दुकानों और सभी बुनियादी सामग्रियों को भी भारी नुकसान हुआ है. शिवराज सिंह ने कहा कि वो लोगों की मदद करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे.(अपूर्वा का इनपुट)
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