बीकानेर (Bikaner) में राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र में किसान तक पहुंचा. यहां घोड़ों के स्किन स्पेशलिस्ट डॉ. रमेश देदड़ से घोड़ों में होने वाली स्किन की बीमारी (Horse Disease) और उनके इलाज के बारे में बताया है. आप इस वीडियो को देखकर अपने घोड़ों में होने वाली स्किन डिजीज से बचाव कर सकते हैं. इस वीडियो में डॉ. रमेश देदड़ ने बताया कि घोड़ों का समय-समय पर टेस्ट किया जाता है. बीकानेर में राज्य के घोड़ों को लाकर उनका इलाज किया जाता है. घोड़ो में एलर्जी और ट्यूमर जैसे रोग होते हैं. जिनके लिए हर्बल दवाइयां बनाई गई हैं.
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