देश में अगर रत्तीहभर हींग की भी जरूरत होती है तो वो हमे ईरान, अफगानिस्ताएन, कजाकिस्तान और उज्बेकिस्तान से आयात करनी पड़ती है. मौजूदा आंकड़ों की मानें तो हर साल हम करीब एक हजार करोड़ रुपये का हींग बनाने वाला रॉ मेटेरियल आयात करते हैं. लेकिन अच्छी बात यह है कि आने वाले दो से तीन साल में हम देश में ही उगी हींग खा सकेंगे. इसके बाद हींग आयात करना तो दूर की बात हम हींग को निर्यात करने की हालत में होंगे. इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन बायोरिसोर्स टेक्नोलॉजी (IHBT), पालमपुर, हिमाचल प्रदेश रात-दिन इसके लिए मेहनत कर रहा है. चार राज्यों के ठंडे इलाकों में आईएचबीटी की रिसर्च चल रही है.
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