आपने रैप्स तो बहुत सुने होंगे, लेकिन किसानों की समस्याओं पर रैप शायद ही सुना होगा. तो चलिए किसान तक आपके लिए लाया जयपुर के रंगकर्मियों की ऐसी ही शानदार परफोर्मेंस. दरअसल जयपुर के कुछ थियेटर कर्मियों ने इसकी शुरुआत की है. नाटकों के इस नए फॉर्मेट का नाम है वॉक थियेटर. यानी चलता-फिरता थियेटर. इसमें कलाकार चलते-फिरते नाटकों का मंचन करते हैं. वॉक थिएटर के आर्टिस्टों का मानना है कि सिनेमा एक ऐसी आर्ट है, जहां लोगों को गंभीरता के साथ मनोरंजन भी चाहिए. गंभीरता को बनाए रखते हुए हमें अपना काम करना पड़ता है. इसीलिए इस बार का वॉक थियेटर किसानों को समर्पित किया गया है.
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