scorecardresearch
रेगिस्तान में गेहूं की खेती...चौंक‍िए मत ये सच है, मामला जानने के ल‍िए पढ़ें ये खबर

रेगिस्तान में गेहूं की खेती...चौंक‍िए मत ये सच है, मामला जानने के ल‍िए पढ़ें ये खबर

रेगिस्तान में खेती किसानी मुश्किल है या कठिन है. इसलिए जमीन का एक बड़ा हिस्सा होने के बावजूद भी रेगिस्तान बदनाम है. जहां खेती के नाम पर कुछ विशेष फसलें होती हैं. रेगिस्तान में अब गेहूं की खेती होने लगी है. चौंकिए मत ये सच है.

advertisement
रेगिस्तान में गेहूं की खेती, (सांकेतिक तस्वीर) रेगिस्तान में गेहूं की खेती, (सांकेतिक तस्वीर)

रेगिस्तान होता तो जमीन का एक भाग ही है, लेकिन वैज्ञानिक से लेकर आमजन के बीच रेगिस्तान इस वजह से बदनाम है क‍ि वहां जीवन मुश्किल है... मुश्किल जीवन का ये छोर खेती-किसानी से जुड़ा हुआ है. बहुत सीधे शब्दों में कहें तो कहा जा सकता है क‍ि रेगिस्तान में खेती-किसानी बहुत मुश्किल है. यहां खेती के नाम पर कुछ विशेष फसलें ही होती हैं. इसलिए जमीन का एक बड़ा हिस्सा होने के बावजूद भी रेगिस्तान बदनाम है. कुल मिलाकर दुनिया का पेट भरने वाली गेहूं और धान जैसी फसलें रेगिस्तान में नहीं होती हैं.

लेकिन, अब रेगिस्तान के माथे से बदनामी का येे दाग मिटाने के प्रयास होने लगे हैं, जिसमें अब रेगिस्तान में गेहूं की खेती होने लगी है. चौंकिए मत ये सच है. पूरा मामला समझना है तो इस खबर को जरुर पढ़ें...

इराक के रेगिस्तान में गेहूं की खेती

इराक जहां का बड़ा भू-भाग रेगिस्तान से भरा हुआ है. वहां के किसान अब नजफ के रेगिस्तान में गेहूं की खेती कर रहे हैं. वहीं मात्र दो साल में खेती का रकबा दोगुना हाे गया है. डॉयचे वेले ह‍िंदी ने अपनी एक र‍िपोर्ट में इराक के रेग‍िस्तान में गेहूं की खेती की जानकारी दी है. मीड‍िया संस्थान ने इराक के क‍िसान अमीन सालाह के हवाले से कहा है क‍ि पहले वह फरात नदी के किनारे गेहूं की खेती करते थे, लेकिन, लगातार सूखा पड़ने से उन्हें जगह बदलने के ल‍िए मजबूर होना पड़ा. अब वह नजफ के रेगिस्तान में खेती करते हैं.

ये भी पढ़ें:- World milk day: शराब ही नहीं इस जानवर के दूध में भी होता है नशा, इंसान भूलकर भी ना पीएं यह दूध

रेग‍िस्तान में कैसे करते हैं गेहूं की सिंचाई

नजफ के रेगिस्तान में किसानों के लिए फसल की सिंचाई करना बहुत ही मुश्किल भरा काम है. क्योंकि रेगिस्तान में पानी नहीं है. लेकिन, वहां के किसानों ने कड़ी मेहनत से खेती में सिंचाई के लिए नया उपाय निकाला. किसानों ने वहां 300 फीट गहराई पर कुएं की खुदाई करवाई और उसमें फव्वारे लगाएंं हैं, जिससे गेहूं की फसलों की सिंचाई आसानी से की जाने लगी. वहीं सालाह कहते हैं कि फव्वारे से सिंचाई करना सस्ता है. उन्होंने बताया कि दो साल पहले उन्हें यह जानकारी विभाग से मिली थी. इस तकनीक से बहुत पानी बचता है. साथ ही गेहूं की गुणवत्ता में भी सुधार हो रहा है.

दो साल में दोगुना हो गया रेग‍िस्तान में गेहूं का रकबा 

रेगिस्तान में गेहूं की खेती को लेकर इराक सरकार का कहना है कि इस तकनीक के दम पर साल 2022 के बाद से कृषि क्षेत्र दोगुना हो गया है. वहीं रेगिस्तान क्षेत्रों में किसानों की संख्या के साथ-साथ खेती का क्षेत्र भी तेजी से बढ़ रहा है. हालांकि, इस तकनीक की कुछ समस्या भी है. समस्याएं ये है कि अगर  भूमिगत जल का इस्तेमाल किया जाएगा तो रेगिस्तान सूख जाएगा, जिससे अन्य जगहों पर भी पानी की कमी हो सकती है.